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ST, SC, अल्पसंख्यकों के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए झारखंड को 7 एकलव्य आवासीय विद्यालय की सौगात

Hemant Soren Govt @ 3 Years: चतरा जिला के कंचनचट्टी, दुमका जिला के काठीकुंड, गिरिडीह जिला के पीरटांड़, लातेहार जिला के लातेहार ब्लॉक में और पश्चिमी सिंहभूम जिला के कुमारडुंगी में स्कूल के निर्माण पर 12-12 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

Hemant Soren Govt @ 3 Years: झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों के लिए प्रदेश में 7 एकलव्य आवासीय विद्यालय (Eklavya Residential School) बने हैं. ये आवासीय विद्यालय बिहार की सीमा से सटे चतरा जिला (Chatra District) के अलावा उप-राजधानी दुमका (Dumka District) में भी खुले हैं. गिरिडीह, लातेहार, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और गुमला जिला में भी एक-एक एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया गया है.

7 एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाने में 72 करोड़ रुपये का खर्च

झारखंड प्रदेश में 7 एकलव्य आवासीय विद्यालयों के निर्माण पर कुल 72 करोड़ रुपये का खर्च आया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 15 नवंबर 2022 को झारखंड स्थापना दिवस पर इन 7 आवासीय विद्यालयों का ऑनलाइन उद्घाटन किया. जिन आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया गया, उनमें चतरा जिला के कंचनचट्टी प्रखंड में एक, दुमका जिला के काठीकुंड प्रखंड में एक, गिरिडीह जिला के पीरटांड़ ब्लॉक में एक, लातेहार जिला के लातेहार ब्लॉक में एक, पश्चिमी सिंहभूम के कुमारडुंगी ब्लॉक में एक, पूर्वी सिंहभूम के बोड़ाम प्रखंड में एक और गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड में एक आवासीय विद्यालय शामिल हैं.

एकलव्य स्कूलों के निर्माण में आये खर्च का पूरा ब्योरा

चतरा जिला के कंचनचट्टी, दुमका जिला के काठीकुंड, गिरिडीह जिला के पीरटांड़, लातेहार जिला के लातेहार ब्लॉक में और पश्चिमी सिंहभूम जिला के कुमारडुंगी में स्कूल के निर्माण पर 12-12 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. वहीं, पूर्वी सिंहभूम के बोड़ाम और गुमला के चैनपुर में बने आवासीय विद्यालयों के निर्माण पर 6-6 करोड़ रुपये का खर्च आया है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से इन स्कूलों का निर्माण करवाया गया है.

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झारखंड के बच्चों की शिक्षा की चिंता हेमंत सरकार की: जगरनाथ महतो

झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो बार-बार जोर देकर कहते हैं कि इस प्रदेश के आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों एवं गरीबों को अपने बच्चों की शिक्षा की चिंता नहीं करनी होगी. हेमंत सोरेन की सरकार उनकी पढ़ाई-लिखाई की पूरी व्यवस्था करेगी. बच्चे जिस तरह की पढ़ाई करना चाहेंगे, जिस भाषा में पढ़ना चाहेंगे, उसकी व्यवस्था यह सरकार करेगी. सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए कई छात्रवृत्ति योजनाएं भी लायी है, जिससे मेधावी गरीब बच्चों को पढ़ने में मदद मिलेगी.

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2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत की बनी सरकार

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार 29 दिसंबर को तीन साल पूरा करने जा रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर वर्ष 2019 का झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ा था और प्रचंड बहुमत के साथ महागठबंधन की सरकार बनी थी. हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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