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Karur Rally Stampede : तमिलनाडु के करूर भगदड़ में अबतक 40 लोगों की मौत हो गई है. भगदड़ में होने वाली मौत परेशान तो करती ही है, यह सवाल भी खड़े करती है कि आखिर अपने देश में भगदड़ में इतने लोगों की मौत क्यों हो जाती है? आखिर भगदड़ की वजह क्या है और क्यों प्रशासन ऐसे भगदड़ को रोकने में सफल नहीं हो पा रहा है?
भगदड़ की वजह क्या है?
करूर में जो भगदड़ हुई उसकी वजह यह बताई गई है कि भीड़ अनुमान से ज्यादा हो गई थी, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई. बेशक यह वजह सबसे आम है कि भगदड़ तब मचती है, जब किसी जगह पर क्षमता से अधिक लोग जमा हो जाते हैं. प्रशासन को आदेश यह रहता है कि 10 हजार या 20 हजार लोग किसी कार्यक्रम में आने वाले हैं, लेकिन जब कार्यक्रम शुरू होता है, तो 50 हजार लोग जमा हो जाते हैं. उसके बाद उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है और फिर मचती है भगदड़. भगदड़ की वजह से लोग एक दूसरे को कुचलते हुए जान बचाने के लिए भागते हैं, लेकिन इस स्थिति में कई लोगों की मौत दम घुटने से तो कई की कुचले जाने से हो जाती है. कुछ समय पहले दक्षिण के ही अभिनेता अल्लू अर्जुन को एक मामले में एक दिन हिरासत में रहना पड़ा था, क्योंकि उनके एक कार्यक्रम में भगदड़ से एक महिला की मौत हो गई थी.
आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग क्यों जुटते हैं?
भगदड़ के पीछे जो सबसे बड़ी वजह नजर आती है, वो है लोगों की दीवानगी. खासकर दक्षिण भारत में इस तरह की दीवानगी बहुत ज्यादा देखने को मिलती है. दक्षिण भारतीय लोग वैसे नेताओं को देखने के लिए उमड़ पड़ते हैं, जिनका बैकग्राउंड फिल्मी हो. फैंस उन्हें दीवानगी की हद तक चाहते हैं और उनकी एक झलक पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. करूर रैली में ऐसा ही कुछ हुआ, थलापति विजय को देखने के लिए उनके फैंस पेड़ की डाल पर चढ़ गए थे, जो टूट कर भीड़ पर गिर गया, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई. अभिनेता विजय अब टीवीके पार्टी के नेता हैं और उनके प्रति लोगों की दीवानगी है. आईपीएल में आरसीबी की जीत के बाद बेंगलुरु में भगदड़ मची थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी. इस भगदड़ के पीछे भी फैंस की दीवानगी ही थी. प्रयागराज में कुंभ के दौरान मची भगदड़ में अनुमान से ज्यादा लोगों का पहुंचना वजह बना था.
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