Hindu Temple Attacked: अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने को खालिस्तान समर्थकों से जोड़कर देखा जा रहा है. कैलिफोर्निया में स्वामीनारायण मंदिर पर हुई घटना से पहले लंदन विदेश मंत्री एस जयशंकर के गाड़ी के सामने खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया था.
अमेरिका में इन दिनों हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसी कड़ी में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्वामीनारायण मंदिर (BAPS) पर एक बार फिर फिल्म हमला किया गया. दक्षिण कैलिफोर्निया के चिनो हिल्स इलाके में स्थित मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए. माना जा रहा है कि खालिस्तान जनमत संग्रह से पहले साजिश के तहत ये हमला किया गया है. कुछ दिन पहले न्यूयार्क में भी स्वामीनारायण मंदिर पर भी हमला हुआ था. 25 सितंबर को कैलिफोर्निया के सेक्रामेंटो स्थित स्वामीनारायण मंदिर को भी निशाना बनाया गया था. तोड़फोड़ की गई और उस पर आपत्तिजनक संदेश भी लिख दिए गए हैं।
हिंदूओं की संस्था ने जांच की मांग उठायी
उत्तरी अमेरिका की हिंदू संस्थान सीओएचएनए (CoHNA) ने एक्स पर अपनी पोस्ट पर लिखा है कि ये कतई चौंकाने वाला नहीं है कि लॉस एंजिल्स में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह से पहले ऐसा किया गया है. सीओएचएनए ने अपनी पोस्ट में वर्ष 2022 के बाद से अमेरिका के मंदिरों में तोड़फोड़ कई मामलों की जानकारी दी है और जांच की मांग की है.
क्या है सीओएचएनए?
सीओएचएनए (Coalition of Hindus of North America-CoHNA) उत्तरी अमेरिका में हिंदुओं का एक संगठन है. जो उत्तरी अमेरिका में हिंदू धर्म की समझ को बेहतर बनाने और हिंदू समुदाय को प्रभावित करने वाले मामलों के लिए कार्य करता है.
मंदिरों पर कब-कब हुआ हमला
- 3 अगस्त 2022, श्री तुलसी मंदिर क्वींस, न्यूयार्क
- 16 अगस्त 2022, श्री तुलसी मंदिर क्वींस, न्यूयार्क
- 30 अक्तूबर 2022, हरि ओम राधाकृष्ण मंदिर, सेक्रामेंटो, कैलिफोर्निया
- 23 दिसंबर 2023, एसएमवीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर कैलिफोर्निया
- 1 जनवरी 2024, शिव दुर्गा मंदिर सेंटा क्लारा कैलिफोर्निया
- 5 जनवरी 2024, श्री आस्था लक्ष्मी मंदिर फ्रेमांट, कैलिफोर्निया
- 5 जनवरी 2024, विजय शेरावली मंदिर, हेवर्ड, कैलिफोर्निया
- 11 जनवरी 2024, श्री पंचमुख हनुमान मंदिर डबलिन, कैलिफोर्निया
- 17 सितंबर 2024, बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर न्यूयार्क
- 25 सितंबर 2024, बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर, सेक्रामेंटो, कैलिफोर्निया
क्या चाहते हैं खालिस्तान समर्थक
प्रतिबंधित आतंवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस कनाडा सहित कई देशों में लगतार भारत विरोधी अभियान चला रहा है. 17 नवंबर 2024 को न्यूजीलैंड में भी ऐसा ही अभियान चलाने की कोशिश की गई और भारत विरोधी नारे लगाते हुए खालिस्तान का झंडा लहराया गया. लेकिन न्यूजीलैंड के नागरिकों ने इसका विरोध किया. कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर के लंदर दौरे के समय भी उनकी कार के सामने खालिस्तान समर्थकों ने विरोध दर्ज कराया था. इससे पहले सैनफ्रांसिस्कों में वर्ष 2022 में भी जनमत संग्रह का प्रयास हुआ था. इसमें खालिस्तान समर्थकों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे. इस जनमत संग्रह में पूछा जाता है कि क्या भारत में खालिस्तान नाम का स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहिए?
खालिस्तान समर्थकों का इतिहास
अलग खालिस्तान बनाने की मांग का इतिहास वैसे तो आजादी के पहले का है. लेकिन औपचारिक तौर पर 29 अप्रैल 1986 को इसकी पहली बार मांग सिखों के एक संयुक्त मोर्चा ने की थी. इसके बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी सिमरनजीत सिंह मान ने 1989 में जेल से रिहा होने के बाद खालिस्तान की मांग उठाई. सिमरनजीत सिंह मान सांसद भी हैं. आकाली दल भी इस मांग को लेकर एक्टिव रहता है. 1992 में आकाली दल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को एक ज्ञापन भी सौंपा था. अमेरिका में स्थित एक ग्रुप सिख फॉर जस्टिस अब खालिस्तान की मांग करता रहता है. इसे भारत सरकार ने 10 जुलाई 2019 को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित किया था. 2020 में खालिस्तानी समूहों से जुड़े कई लोगों को आतंवादी घोषित किया था. यहीं नहीं खालिस्तान समर्थक दर्जनों वेबसाइट को बंद कराया था. खालिस्तान के समर्थन में 2020 में जनमत संग्रह शुरू किया गया था.
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