Table of Contents
COVID-19 New Variant: कोरोना एक बार फिर डरा रहा है. भारत में अब तक 1000 एक्टिव केस मिल चुके हैं. वहीं अमेरिका में हर सप्ताह औसतन 350 लोगों की मौत इससे हो रही है. अमेरिका में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन जेएन.1 (JN.1), सब वैरिएंट एलएफ.7 (LF.7), सब वैरिएंट एनबी.1.8.1 (NB.1.8.1) सबसे ज्यादा आक्रामक है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, वर्जीनिया, न्यूयार्क के एयरपोर्ट्स पर पहुंचने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों में ये वैरिएंट पाया गया है. जो कि सबसे पहले चीन में पाया गया. इसके बाद बड़ा स्ट्रेन बन गया. फिर यह सिंगापुर, हांगकांग सहित एशिया के देशों में फैल गया.
भारत में 19 मई के बाद केस बढ़े
मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के अनुसार भारत में 19 मई के बाद कोरोना के मामले बढ़े हैं. एक्टिव केस 1000 से ज्यादा हो गए हैं. केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात में सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. भारत में भी दो नए कोविड-19 वेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान हुई है. ये दोनों वैरिएंट्स ओमिक्रॉन की JN.1 सबलाइन से उत्पन्न हुए हैं. वर्तमान में वैरिएंट अंडर मॉनीटरिंग (VUM) की श्रेणी में रखा गया है. जिसका मतलब है कि इन वैरिएंट पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, लेकिन अभी इन्हें गंभीर खतरे के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है.
नए वैरिएंट भारत में कहां से आए
NB.1.8.1 वैरिएंट की पहचान अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में हुई थी. यह XDV.1.5.1 वैरिएंट से उत्पन्न हुआ और इसमें स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन पाए गए. जैसे T22N, F59S, G184S, A435S, V445H, और T478I आदि. इन म्यूटेशनों के कारण यह वैरिएंट अधिक संक्रामक हो सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने की क्षमता रखता है. वहीं LF.7 वैरिएंट के चार केस मई 2025 में गुजरात में पाए गए. यह भी JN.1 सबलाइन से निकले हैं.
नये वैरिएंट कितने घातक और क्या हैं लक्षण
NB.1.8.1 और LF.7 वैरिएंट्स से संक्रमित अधिकतर लोगों में हल्के से मध्यम लक्षण देखे गए हैं. लेकिन बुजुर्गों, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) वाले व्यक्तियों और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों में ये गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है.
- सामान्य लक्षण
- थकान
- गले में खराश
- हल्का बुखार
- सांस लेने में हल्की परेशानी
वैक्सीन कितनी प्रभावी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना के नए वैरिएंट्स पर नजर रखे हुए हैं. माना जा रहा है कि अपडेट वैक्सीन न लेने के कारण नए वैरिएंट का असर हो रहा है. अमेरिका में अपडेट वैक्सीन 18 वर्ष या उससे ऊपर के 23 फीसदी लोगों ने लगवायी है. वहीं बच्चों में मात्र 13 प्रतिशत ही अपडेट वैक्सीन का टीकाकरण हुआ है. अमेरिका में अपडेट वैक्सीन लेने में कमी, इम्युनिटी कम होना, लोगों को जरूरी इलाज न मिलने के कारण मौतों की संख्या बढ़ी है. वर्तमान में उपलब्ध कोविड-19 टीके, जैसे LP.8.1-आधारित mRNA टीके, NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स के खिलाफ गंभीर बीमारी सुरक्षा देते हैं. लेकिन इन वैरिएंट्स में कुछ म्यूटेशन के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने की क्षमता बढ़ सकती है, जिससे संक्रमण की संभावना बनी रहती है.
संक्रमण से कैसे बचें
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें
- खांसते-छींकते समय मुंह व नाक को ढकें
- हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं
- लक्षण महसूस होने पर तुरंत परीक्षण कराएं और डॉक्टर से परामर्श लें
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाएं
पढ़ें प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी:Genetic Treatment: नौ माह के बच्चे का जीन एडिटिंग से इलाज
Saudi Arabia: सऊदी अरब में 73 साल बाद गूंजेगा ‘चीयर्स’, जानें क्यों लगी थी पाबंदी
AI Tools in Medical: क्या एआई टूल बनेगा डॉक्टर, बीमारी पहचानने में करेगा मदद, जानें
तीन साल की बच्ची की स्वैच्छिक मृत्यु, जानें कैसे मिली संथारा की अनुमति
रोहिंग्या मुसलमानों और ब्लडी कॉरिडोर का क्या है कनेक्शन, जानें विवाद का कारण