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Cough Syrup Deaths : कफ सिरप पीने से मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत हो गई है. इन सभी बच्चों की सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या थी, जिसका इलाज कराने इन बच्चों को डाॅक्टर के पास लाया गया था. डाॅक्टर की दवा खाने के बाद इन बच्चों को आराम होने की बजाय उनकी तबीयत और बिगड़ गई. सभी बच्चों की मौत किडनी खराब होने की वजह से हुई है. जिन बच्चों की मौत हुई उनकी उम्र 2 से 5 साल के बीच की है. इन बच्चों ने जो दवाई ली उसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल नामक केमिकल मौजूद था, जिसने इन बच्चों की जान ली.
क्या है डायएथिलीन ग्लाइकॉल?
डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol, DEG) एक रासायनिक सॉल्वेंट हैं, जो घोलक का काम करता है. यानी अगर कोई चीज घुल नहीं रही है, तो उसमें इस रासायनिक को डालने से वह घुल जाता है. दवाइयों में इस तरह के घोलक का इस्तेमाल होता है. रांची के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ शैलेश चंद्रा बताते हैं कि डायएथिलीन ग्लाइकॉल एक घातक और जानलेवा रसायन है. इसका उपयोग दवाई बनाने में नहीं किया जाना चाहिए. जिस कंपनी ने इस तरह की दवा का निर्माण किया है, यह उसकी लापरवाही है. दवाइयों में घोलक का इस्तेमाल होता है, क्योंकि कई दवाइयां पानी में नहीं घुलती हैं, लेकिन घोलक कौन सा है और कितना सुरक्षित है, यह भी ध्यान देने की बात है. डायएथिलीन ग्लाइकॉल का उपयोग अक्सर गाड़ियों के ब्रेक और इंजन में होता है, ताकि वे अच्छे से काम करें. यह तरल जहरीला होता है.
कितना खतरनाक है डायएथिलीन ग्लाइकॉल?
डायएथिलीन ग्लाइकॉल का प्रयोग अक्सर पेंट, प्लास्टिक बनाने और गाड़ियों के ब्रेक और इंजन में होता है. इस केमिकल को ब्रेक फ्लूड और गाड़ियों के इंजन में एंटीफ्रीज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.एथिलीन ग्लाइकॉल निगलने के बाद जहरीले यौगिकों में टूट जाता है जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिसकी वजह से मौत भी हो सकती है. डाॅ शैलेश बताते हैं कि यह केमिकल बहुत खतरनाक और जहरीला है. इसका उपयोग किसी भी उम्र के लोगों की दवाइयों में नहीं होना चाहिए. बच्चों के लिए तो यह बहुत ही खतरनाक है. डाॅ शैलेश बताते हैं कि बच्चों का वजन कम होता है,ऐसे में जब कोई जहरीला केमिकल उनके शरीर में पहुंचता है तो उसका असर बहुत ही खतरनाक होता है और यह उनके लिए जानलेवा होता है. ऑर्किड अस्पताल के डाॅक्टर रंजीत कुमार बताते हैं कि यह बहुत ही जहरीला केमिकल है. इसकी थोड़ी सी भी मात्रा बहुत खतरनाक है, इसलिए इसके इस्तेमाल से बच्चों की जान गई है. किसी भी कफ सिरप को लेने से पहले डाॅक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए और यह डाॅक्टर्स का कर्तव्य है कि जब वो दवाइयां लिखें, तो उसमें मौजूद सभी तत्वों की पूरी जानकारी लेने के बाद ही मरीजों को उपयोग के लिए दें.
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डायएथिलीन ग्लाइकॉल को लेकर WHO ने क्या कहा है?
डायएथिलीन ग्लाइकॉल को लेकर WHO ने गंभीर चेतावनी जारी की है और यह कहा है कि इसके उपयोग से 2022 से पूरी दुनिया में बच्चों की मौत हुई है. इस केमिकल के उपयोग को गलत बताया है, इस लिहाज से अगर किसी भी दवा में इसका इस्तेमाल होता है तो वह दवाई खतरनाक और जानलेवा ही साबित होगी.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार मध्य प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक कार्यालय ने शुक्रवार को राज्य भर के सभी औषधि निरीक्षकों को श्रीसन फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप के संबंध में एक तत्काल निर्देश जारी किया. यह आदेश तमिलनाडु में किए गए प्रयोगशाला परीक्षणों के बाद जारी किया गया है, जिसमें कथित तौर पर दवा के बारे में चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए थे. चेन्नई स्थित औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के सरकारी विश्लेषक की एक परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, सिरप को मानक गुणवत्ता का नहीं घोषित किया गया, क्योंकि विश्लेषण में पाया गया कि इसमें 48.6 प्रतिशत मात्रा में डायथिलीन ग्लाइकॉल, एक विषैला औद्योगिक रसायन, मौजूद था. इस कंपनी की सभी दवाओं पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.
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