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Colder Winter 2025 : भारत में मानसून की वापसी लगभग हो गई है और ठंड ने दस्तक दे दी है. कुल मिलाकर कहा जाए तो अभी देश में मौसम सुहावना है, लेकिन भारतीय मौसम विभाग और अमेरिकी जलवायु पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार इस बार ला लीना के प्रभाव से संभव है कि देश में ठंड ज्यादा पड़े. इसका प्रभाव यह होगा कि उत्तर भारत के कई इलाकों में शीत लहर चलेगी और बर्फबारी की भी संभावना है. हालांकि मौसम विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि ऐसा नहीं है कि इस बार पूरे भारत में ही हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ेगी. आइए समझते हैं क्या है ला लीना और इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?
क्या है ला लीना?
ला लीना समुद्र में घटने वाली एक घटना है जिसके प्रभाव से पूरे विश्व का मौसम प्रभावित होता है. ला लीना एक स्पेनिश शब्द है जिसका अर्थ छोटी बच्ची होता है. ला लीना के प्रभाव से प्रशांत महासागर के ऊपरी पानी का टैम्परेचर सामान्य से काफी नीचे चला जाता है. यह घटना विषुवत रेखा जिसे भूमध्यरेखा भी कहते हैं, उसी इलाके के प्रशांत महासगार (Equatorial Pacific) में इसका ज्यादा प्रभाव दिखता है. इस घटना में होता यह है कि विषुवत (equator) रेखा में स्थायी तौर पर चलने वाली ट्रेड विंड्स तेजी से बहने लगती है. ट्रेड विंड्स का प्रभाव हमेशा पूर्व से पश्चिम की ओर होता है. जब हवाहं तेज चलने लगती हैं, तो समुद्र का गर्म सतही पानी पश्चिम की तरफ धकेल दिया जाता है, जिसके प्रभाव से पूर्व के प्रशांत महासागर का पानी ठंडा हो जाता है और इसी वजह से भारत में सर्दी का मौसम ठंडा होता है.
ला लीना किस तरह भारत के मौसम को प्रभावित करता है?
ला लीना के प्रभाव से उत्तर भारत में ठंडी हवाएं पहुंचने लगती हैं, क्योंकि सर्दी के मौसम में उत्तर भारत में पश्चिम से हवाएं आती हैं. इसे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) भी कहा जाता है. ला लीना के प्रभाव से चूंकि समुद्र की ऊपरी सतह ठंडी रहती है, इसलिए भारत पहुंचने वाली हवाएं भी ठंडी होती है. पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी होती है, जो ठंड को बढ़ाता है.
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क्या ला लीना का भारत में बुरा प्रभाव होगा?
| ला लीना | उत्तर भारत | दक्षिण भारत |
|---|---|---|
| प्रभाव | ठंड अधिक, रातें सर्द, Western Disturbances सक्रिय | हल्की ठंड, तापमान ज्यादा नहीं गिरता |
| कारण | ठंडा पानी → हवाओं पर असर → कम बादल → ठंड बढ़ाता है | समुद्र का नजदीक होना, वायुमंडलीय असर कम, Western Disturbances नहीं |
| परिणाम | न्यूनतम तापमान कम, cold waves संभव | हल्की ठंड, सामान्य तापमान |
इस बार भारत में मानसून काफी अच्छा रहा है. मौसम वैज्ञानिक इसके लिए ला लीना को ही कारण मानते हैं. मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि ला लीना नीना की वजह से देश में मानूस की बारिश अच्छी होती है और ग्राउंड वाटर का लेवल भी बढ़ जाता है. पर्यावरणविद सीमा जावेद यह कहती है कि ला लीना मौसम के लिए अच्छा है. देश में हर मौसम अच्छा होता है, जितनी गर्मी हमारे यहां पड़ती है सर्दी भी पड़ने चाहिए. हां यह जरूर है कि अत्यधिक सर्दी की वजह से पाला ना पड़े, क्योंकि अगर पाला पड़ा तो फसलों को नुकसान होगा. जहां तक मौसम विभाग के पूर्वानुमान की बात है, तो निश्चित तौर पर वे यह कह रहे हैं सर्दी अच्छी पड़ेगी इस बार लेकिन पाला पड़ेगा या नहीं इसकी सटीक जानकारी विभाग नहीं दे सकता, इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार ठंड अच्छी और सुकून वाली पड़ेगी.
ला लीना किसे कहते हैं ?
ला लीना समुद्र में होने वाली एक घटना है, जिसका प्रभाव प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में ज्यादा दिखता है. यहां की ट्रेंडी हवाएं तेजी से बहने लगती हैं, जिसकी वजह से समुद्र की ऊपर सतह ज्यादा ठंडी हो जाती है गर्म हवाएं पश्चिम की ओर खिसक जाती हैं. इसकी वजह से पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली हवाएं ठंडी हो जाती हैं और भारत में ठंड सामान्य से अधिक पड़ती है?
अल नीनो और ला नीना में क्या है?
अल नीनो और ला नीना में दोनों समुद्री घटनाएं हैं. लेकिन अल नीनो की वजह से गर्मी ज्यादा होती है और ला नीन की वजह से सर्दी ज्यादा पड़ती है. अल नीनो के असर से बारिश कम होती है और ला नीना बारिश अधिक करवाती है.
ला नीना की वजह से क्या बारिश ज्यादा होती है?
ला नीना की वजह से देश में बारिश अधिक होती है. ला नीना के प्रभाव से tropical winds ज्यादा सक्रिय होती हैं. जिसकी वजह से दक्षिण -पश्चिम मानसून भारत में अधिक समुद्री नमी लेकर आता है, जो ज्यादा और अच्छी बारिश की वजह बनता है.
ला नीना किस भाषा का शब्द है और इसका अर्थ क्या है?
ला नीना स्पेनिश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है छोटी बच्ची.
क्या 2025 में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने वाली है?
हां, ला लीना के प्रभाव से साल 2025 में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने वाली है.

