
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना के बाद से वहां राहत बचाव कार्य जारी है. यहां सुरंग का एक हिस्सा टूटने और मलबा गिरने से 40 मजदूर अंदर फंस गए हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने मंगलवार सुबह घटनास्थन का वीडियो जारी किया है जिसमें नजर आ रहा है कि राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है.

उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं. इन्हें बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान सोमवार को और तेज कर दिया गया है जो मंगलवार को भी जारी है. मीडिया रिपोर्ट ने अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि श्रमिकों को बाहर निकालने में एक-दो दिन और लग सकते हैं.

खबरों की मानें तो रविवार सुबह घटना के तत्काल बाद से ही वहां राहत बचाव का कार्य जारी है. सुरंग में फंसे मजदूरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. मजदूरों से संपर्क स्थापित होने पर उन्हें पेयजल और खाने के पैकेट भी पाइपलाइन के माध्यम से कंप्रेसर की मदद से दवाब बनाकर भेजने का काम किया जा रहा है.

उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा जो सूची जारी की गई है उसके अनुसार, सुरंग में फंसे मजदूरों में से 15 झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच ओडिशा, चार बिहार, तीन पश्चिम बंगाल, दो-दो उत्तराखंड और असम तथा एक हिमाचल प्रदेश के हैं. घटना के बाद से मजदूरों के परिवार के लोग चिंता में हैं.

बताया जा रहा है कि पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी मलबा हटाने में लगे हुए हैं. ये दिन और रात सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं.

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद उत्तराखंड के उतरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हुई दुर्घटना में फंसे झारखंड के मजदूरों की सहायता के लिए तीन सदस्यीय टीम उत्तराखंड रवाना हुई. सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर इस बाबत जानकारी दी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बचाव के काम में लगे अधिकारी ने दावा किया कि टीम सुरंग में 25 मीटर तक घुसने में सफल हो चुकी है. अभी लगभग 35 मीटर और मलबा साफ करना है तब जाकर मजदूरों को वहां से निकाला जा सकता है.