
Chitragupta Puja 2023 : मान्यता है कि संसार में मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले यमराज के सहयोगी ही भगवान चित्रगुप्त हैं. पंचांग के अनुसार, कार्तिक महिने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हर साल चित्रगुप्त पूजा की जाती है.

इस साल कार्तिक महिने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का 15 नवंबर को दोपहर 01:47 बजे समापन होगा.इस दिन राहुकाल को छोड़कर किसी भी मुहूर्त में आप चित्रगुप्त भगवान की पूजा कर सकते हैं.

चित्रगुप्त पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल का रखें विशेष ख्याल: सुबह का मुहूर्त – सुबह 10.48 से दोपहर 12.13 बजे तक अभिजित मुहूर्त – सुबह 11.50 से दोपहर 12.36 तक अमृत काल मुहूर्त – शाम 05.00 से शाम 06.36 तक राहुकाल समय – दोपहर 03.03 से शाम 04.28 तक

चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से पहले लकड़ी की एक साफ सुथरी चौकी पर एक स्वच्छ वस्त्र बिछाएं और उसके बाद भगवान श्री चित्रगुप्त के चित्र को स्थापित करना करें. चित्र पर पुष्प माला, मिष्ठान, गट्टा आदि अर्पित करें. इसके बाद पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान चित्रगुप्त की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए.

एक सादा पेपर पर ओम चित्र गुप्ताएं नमः और ब्रह्मा विष्णु महेश राम सीता राधा कृष्ण के नाम लिखने लिखें. ऐसा करने से बुद्धि वृद्धि और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.

कायस्थ लोगों के इस्ट देवता के रूप में भी चित्रगुप्त भगवान को पूजा जाता है. भगवान चित्रगुप्त का स्मरण करने से कार्य में उन्नति, आकर्षित वाणी और बुद्धि में वृद्धि का वरदान प्राप्त होता है. साथ ही व्यक्ति को नर्क की यातनाएं नहीं झेलनी पड़ती.

कारोबारियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है, इस दिन नई किताबों पर 'श्री' लिखकर काम की शुरुआत की जाती है. इसके अलावा सभी आय-व्यय का विवरण चित्रगुप्त जी के सामने रखा जाता है. इस दिन सभी लोग शिक्षा और साक्षरता के मूल्य पर जोर देने के लिए किताबें, कलम और स्याही के बर्तन जैसी वस्तुओं की भी पूजा करते हैं.

चित्रगुप्त पूजा के दिन व्यक्ति अपने व्यापार से जुड़ी वस्तुओं को अच्छी तरह व्यवस्थित करके चित्रगुप्त जी की पूजा करे तो उनके व्यापार में अत्यधिक वृद्धि होती है.