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Friday, March 29, 2024

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आंगनबाड़ी सेविका व एंबुलेंस सेवाकर्मियों का बेहतर प्रयास

एएनएम के माध्यम से प्रत्येक महीने डिहवाटोली में ही टीकाकरण का कार्य होता है. गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म एवं शिशु के जन्म लेने के छह माह बाद अन्नप्रासन की रस्म करायी जाती है.

काली चरण साहू

रांची जिला अंतर्गत बुड़मू प्रखंड की डिहवाटोली की आंगनबाड़ी सेविका अर्चना देवी पूरी सजगता से गर्भवती महिलाओं की मदद करती हैं. गर्भवती महिलाओं को समय पर टीकाकरण समेत आयरन की गोली और पौष्टिक भोजन की जानकारी देती हैं. एएनएम के माध्यम से प्रत्येक महीने डिहवाटोली में ही टीकाकरण का कार्य होता है. गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म एवं शिशु के जन्म लेने के छह माह बाद अन्नप्रासन की रस्म करायी जाती है. शिशु को सुपाच्य ऊपरी आहार देने संबंधी जानकारी माताओं को दी जाती है. गांव में सड़क नहीं होने के बावजूद प्रसव पीड़ा होने पर खटिया के सहारे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में अर्चना अहम भूमिका निभाती हैं.

तत्परता से गर्भवती व प्रसूता की सेवा में लगी रहती हैं अर्चना

आंगनबाड़ी केंद्र, डिहवाटोली में सहिया नहीं होने के कारण सेविका अर्चना देवी को कार्य करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद पूरी तत्परता से अर्चना देवी अपना कार्य करती हैं. अर्चना बताती हैं कि 22 जनवरी, 2020 को रात में करीब आठ बजे ग्रामीण लालेश्वर मुंडा की पत्नी संगीता देवी को प्रसव पीड़ा हुई. तत्काल 108 को सूचित किया गया. सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी, लेकिन तुरंत गर्भवती महिला को खटिया पर लेकर करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाने में उन्होंने परिजनों की मदद की. फिर मुख्य मार्ग से एंबुलेंस से गर्भवती महिला को बुड़मू स्थित सीएचसी लाया गया.

मददगार है एंबुलेंस सेवा 108

झारखंड में एंबुलेंस सेवा 108 ग्रामीणों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है. सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जहां तक सड़क है, वहां तक एंबुलेंस लाभुकों की सेवा के लिए उपलब्ध हो जाती है. 108 पर कॉल करने के करीब आधा घंटा के अंदर एंबुलेंस गर्भवती के घर पर मौजूद हो जाती है. 108 एंबुलेंस में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने में सुविधा होती है. बुड़मू प्रखंड में 2017 से अब तक 129 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव 108 वाहन से ही कराया जा चुका है, जबकि 12 मामलों में 108 की टीम ने घर में ही सुरक्षित प्रसव कराया.

केस स्टडी

नवंबर 2019 में 108 की टीम सूचना मिलने के बाद बगदा गांव पहुंची. गंगाराम महतो की पत्नी आरती देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी थी. आरती देवी का सुरक्षित प्रसव उसके घर पर ही कराया गया. आरती देवी ने दो स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. 108 एंबुलेंस सेवा में 60 फीसदी से अधिक मामला मातृत्व प्रसव से संबंधित होता है. हरिणलेटा, चिरूवा मुरेठा, करंबा जैसी जगहों पर जहां वाहन का जाना संभव नहीं है, वहां भी 108 की टीम गयी और स्ट्रेचर पर महिला को लादकर वाहन तक लाया गया. 108 की टीम के इएमटी साकिब आलम, इएमटी पंकज कुमार, चालक नवीन खलखो और मनोज कुमार दांगी के सहयोग से प्रखंड क्षेत्र में सुरक्षित प्रसव कराया जा रहा है.

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