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झारखंड के पलामू सिविल सर्जन जॉन एफ कैनेडी 50 हजार रुपये घूस लेते अरेस्ट, ACB की टीम ने रंगेहाथ दबोचा

एसीबी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि न्यू एरिया औरंगाबाद के रहने वाले गोल्डन कुमार के द्वारा पलामू के सिविल सर्जन के बारे में शिकायत की गयी थी. एसीबी को शिकायत में लिखा गया था कि सिविल सर्जन पेमेंट करने के लिये एक लाख रुपये घूस मांग रहे हैं. एक लाख रुपये देने के बाद ही वे बिल का भुगतान करेंगे.

Jharkhand News: पलामू के सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी को 50 हजार रुपये घूस लेते हुए एसीबी की टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उनका मेडिकल चेकअप किया गया. मेडिकल चेकअप के बाद सिविल सर्जन जॉन एफ कैनेडी को जेल भेज दिया गया. गोल्डन कुमार ने इनके खिलाफ एसीबी से शिकायत की थी कि बिल पर साइन करने के एवज में एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है.

एसीबी से की गयी थी सिविल सर्जन की शिकायत

इस संबंध में एसीबी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि न्यू एरिया औरंगाबाद के रहने वाले गोल्डन कुमार के द्वारा पलामू के सिविल सर्जन के बारे में शिकायत की गयी थी. एसीबी को शिकायत में लिखा गया था कि सिविल सर्जन पेमेंट करने के लिये एक लाख रुपये घूस मांग रहे हैं. सदर अस्पताल के साथ गोल्डन कुमार की कंपनी रशियन हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड का 9 मई 2022 को एमओयू हुआ था. रशियन हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा पलामू जिले के विभिन्न अस्पतालों में परिवार नियोजन का ऑपरेशन किया गया था. परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराए जाने के बाद 10 प्रतिशत केस की जांच डीक्यूएसी के द्वारा की गयी थी. डीक्यूएसी की जांच में सही पाया गया था. इसके बाद भुगतान किया जाना था.

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एक लाख रुपये देने के बाद ही होगा बिल का भुगतान

इस संबंध में गोल्डन कुमार ने डीपीएम दीपक कुमार गुप्ता से मुलाकात की थी. डीपीएम दीपक कुमार गुप्ता ने गोल्डन कुमार को बताया कि सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी एक लाख रुपये घूस मांग रहे हैं. तभी आपके बिल का भुगतान किया जायेगा. इस संबंध में गोल्डन कुमार ने 16 सितंबर को सुबह 9 बजे सिविल सर्जन जॉन एफ कैनेडी के आवास पर मुलाकात की. सिविल सर्जन ने कहा कि एक लाख रुपये देने के बाद ही बिल का भुगतान किया जाएगा. उसके बाद आदेश निर्गत कर दिया जाएगा. जो आदेश निर्गत किया जाएगा उसको 2 वर्ष तक बदला नहीं जाएगा.

घूस लेते रंगेहाथ धराए

इसके बाद गोल्डन कुमार ने इस संबंध में एसीबी को शिकायत की. एसीबी ने दिए गए आवेदन के बाद तथ्यों का सत्यापन किया. सत्यापन में लगाये गये आरोप को सही पाया. इसके बाद धावा दल का गठन किया गया. इसके बाद गोल्डन कुमार ने शुक्रवार को जैसे ही सिविल सर्जन जॉन एफ कैनेडी को 50 हजार रुपये रिश्वत दिये. वैसे ही एसीबी ने रंगेहाथ सिविल सर्जन को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उनका मेडिकल चेकअप किया गया. मेडिकल चेक अप करने के बाद सिविल सर्जन जॉन एफ कैनेडी को जेल भेज दिया गया.

रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह, मेदिनीनगर, पलामू

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