34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

सामाजिक समरसता बनी रहे

अमेरिका के जाने-माने थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने भारत में धर्म, सहिष्णुता और अलगाव विषय पर एक विस्तृत अध्ययन कर एक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट देश के 17 भाषाओं के बोलनेवाले 30 हजार लोगों से की गयी बातचीत पर आधारित है. यह अध्ययन 2019 से 2020 के बीच किया गया था. इसमें कहा गया है कि भारत में ज्यादातर लोग खुद को और देश को धार्मिक तौर पर सहिष्णु मानते हैं. ज्यादातर लोगों ने कहा कि भारत में वे अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसमें कहीं कोई समस्या नहीं है. भारतीय लोग इस बात को लेकर भी एकमत थे कि एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान बहुत जरूरी है. अधिकतर भारतीयों ने कहा कि उनकी जिंदगी में धर्म का बहुत महत्व है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चाहे शहर हो या गांव, 60 प्रतिशत लोग रोज पूजा-पाठ या प्रार्थना में कुछ वक्त जरूर देते हैं. इससे पता चलता है कि भारतीयों में धर्म के प्रति समर्पण और लगाव है.

अमेरिका के जाने-माने थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने भारत में धर्म, सहिष्णुता और अलगाव विषय पर एक विस्तृत अध्ययन कर एक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट देश के 17 भाषाओं के बोलनेवाले 30 हजार लोगों से की गयी बातचीत पर आधारित है. यह अध्ययन 2019 से 2020 के बीच किया गया था. इसमें कहा गया है कि भारत में ज्यादातर लोग खुद को और देश को धार्मिक तौर पर सहिष्णु मानते हैं. ज्यादातर लोगों ने कहा कि भारत में वे अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसमें कहीं कोई समस्या नहीं है. भारतीय लोग इस बात को लेकर भी एकमत थे कि एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान बहुत जरूरी है. अधिकतर भारतीयों ने कहा कि उनकी जिंदगी में धर्म का बहुत महत्व है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चाहे शहर हो या गांव, 60 प्रतिशत लोग रोज पूजा-पाठ या प्रार्थना में कुछ वक्त जरूर देते हैं. इससे पता चलता है कि भारतीयों में धर्म के प्रति समर्पण और लगाव है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर लोगों का कहना था कि सभी धर्मों के लोगों के लिए सच्चा भारतीय होना बेहद जरूरी है. 85 फीसदी मुस्लिम मानते हैं कि भारतीय संस्कृति सबसे अच्‍छी है और 95 फीसदी मुस्लिम लोगों ने कहा कि उन्हें भारतीय होने पर बेहद गर्व है, लेकिन 24 फीसदी मुस्लिमों ने कहा कि उन्हें भारत में भेदभाव का सामना करना पड़ता है, तो 21 फीसदी हिंदू भी मानते हैं कि उन्हें भी भेदभाव का शिकार होना पड़ता है. ज्यादातर भारतीय, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, अपनी पहचान जाति से जोड़ते हैं. हर पांच में से एक भारतीय ने कहा कि अनुसूचित जातियों के लोगों के साथ भेदभाव होता है. इस रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आयीं हैं. लगभग 64 फीसदी भारतीयों ने कहा कि उनके समुदाय की महिलाओं को दूसरी जातियों में शादी करने से रोकना बहुत जरूरी है. हिंदू, मुस्लिम, सिख और जैन समुदायों के अधिकतर लोग अंतरजातीय विवाह के पक्ष में नहीं थे और उन सबकी राय थी कि इसे रोका जाना चाहिए.

आम जनजीवन में कई समानताओं के बावजूद इस अध्ययन में धार्मिक समूहों के बीच कई विभिन्नताएं बहुत स्पष्ट तौर पर उभर कर सामने आयी हैं. मसलन, लगभग 66 फीसदी हिंदू मानते हैं कि उनका धर्म इस्लाम से एकदम अलग है, तो 64 प्रतिशत मुसलमान भी ऐसा ही मानते हैं. हालांकि दो-तिहाई जैन और लगभग 50 प्रतिशत सिख कहते हैं कि हिंदू धर्म के साथ उनकी बहुत समानताएं हैं. सर्वे में शामिल ज्यादातर हिंदुओं ने कहा कि उनके ज्यादातर दोस्त भी हिंदू हैं.

यही स्थिति अन्य धर्मों के लोगों की भी है, पर कम ही लोगों ने कहा कि वे दूसरे धर्मों के लोगों को अपने घरों और गांवों में आने भी नहीं देना चाहते या उनके आने से नाखुश होंगे. सर्वे में पता चला कि धर्मांतरण से किसी धार्मिक समूह की आबादी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. लगभग 82 फीसदी भारतीयों ने कहा कि वे हिंदू पैदा हुए थे और हिंदू ही रहेंगे. अन्य धर्मों के लोगों का भी यही रुख था. इस शोध के अनुसार, 81 फीसदी हिंदू गंगाजल की पवित्रता में आस्था रखते हैं, तो लगभग 33 फीसदी भारतीय ईसाई भी इसमें आस्था रखते हैं. उत्तर भारत में 12 प्रतिशत हिंदू, 10 प्रतिशत सिख और 37 प्रतिशत मुसलमान सूफी और उनके बताये रास्ते पर चलने में यकीन रखते हैं. हिंदुओं की तरह 77 फीसदी मुसलमान भी कर्म-फल के सिद्धांत में यकीन करते हैं. सभी धर्मों के लोगों का मानना था कि बुजुर्गों का सम्मान करना बहुत जरूरी है.

भारत अपनी विविधता के लिए जाना जाता है, जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म के पालन की स्वतंत्रता है. इस शोध में इस बात की पुष्टि हुई है. इससे यह बात पुष्ट होती है कि विसंगतियों के बावजूद भारत में विविधता को पसंद करनेवालों की संख्या में कमी नहीं आयी है. एक-दूसरे धर्म के बारे में ज्यादा नहीं जानते हुए भी भारतीय इस पर एकमत हैं कि एक-दूसरे के धर्मों का आदर-सम्मान बहुत जरूरी है. यही वह बात है, जो हमें आश्वस्त करती है कि भारत का वसुधैव कुटुंबकम वाला स्वरूप आसानी से नहीं टूटनेवाला है. चिंता की बात यह है कि महिलाओं के बारे में सभी धर्मों का एक ही नजरिया है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर भारतीय मानते हैं कि धार्मिक सहिष्णुता देश की पहचान का अहम हिस्सा है.

दरअसल, इस देश में महात्मा गांधी रचे-बसे हैं. उन जैसे लोगों ने ही स्वतंत्र भारत की नींव रखी थी. महात्मा गांधी को अपने हिंदू होने पर गर्व था और वे अत्यंत धर्मनिष्ठ हिंदू थे, पर वे अन्य सभी धर्मों का आदर करते थे. उनका कहना था कि उनकी आस्था सहिष्णुता पर आधारित है. महात्मा गांधी के पास अहिंसा, सत्याग्रह और स्वराज नाम के तीन हथियार थे. सत्याग्रह और अहिंसा के उनके सिद्धांतों ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को अधिकारों और मुक्ति के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी. यही वजह है कि इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन अहिंसा के आधार पर लड़ा गया. भारतीय लोकतंत्र की भी यह खूबसूरती है कि यह धार्मिक समरसता और विविधता में एकता की मिसाल है. यहां अलग-अलग जाति, धर्म, संस्कृति को माननेवाले लोग सदियों से रहते आये हैं.

ऐसी विविधता दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलती. यह भारत की बहुत बड़ी पूंजी है और यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसे बचा कर रखें. साथ ही, हमें यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि धार्मिक होना और कट्टर होना दो अलग बातें हैं. यह बात भी स्पष्ट है कि देश की आर्थिक, सामाजिक या किसी भी तरह की प्रगति सामाजिक शांति व समरसता के बिना हासिल करना नामुमकिन है. इसलिए यह हम सबके हित में है कि अपने सामाजिक ताने-बाने को हर कीमत पर बनाये रखें.

यह सही है कि सरकार मुस्तैद रहे, लेकिन हमें भी अपना दायित्व निभाना होगा. सामाजिक समरसता में खलल डालनेवाले लोग किसी अन्य ग्रह से नहीं आते हैं, वे हमारे-आपके आसपास के ही लोग ही होते हैं. शहर के जागरूक नागरिक अपना कर्तव्य निभाएं और ऐसे लोगों को टोकें. दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप, अक्सर अफवाहों को हवा देता है. अगर आपका कोई परिचित ऐसा करता नजर आता है, तो उसे टोकें. हमें अपने देश के सामाजिक समरसता को हर कीमत पर बनाये रखना होगा.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें