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शराब के ठेकों पर हल्लाबोल
उत्तर प्रदेश पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है. पहले कुछ दिन अवैध बूचड़खानों को लेकर, तो अब महिलाओं से शराब के ठेके फूंके और तोड़फोड़ करने से चर्चा में है. शराब के ठेकों पर पुलिस को कार्रवाई करने की जरूरत है. लेकिन पुलिस से समय पर उन ठेकों पर कार्रवाई न होने के कारण […]
उत्तर प्रदेश पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है. पहले कुछ दिन अवैध बूचड़खानों को लेकर, तो अब महिलाओं से शराब के ठेके फूंके और तोड़फोड़ करने से चर्चा में है. शराब के ठेकों पर पुलिस को कार्रवाई करने की जरूरत है.
लेकिन पुलिस से समय पर उन ठेकों पर कार्रवाई न होने के कारण आज महिलाएं शराब के ठेके तहस-नहस कर रहीं हैं. जो गलत बात महिलाओं के ध्यान में आयी है, वह आज तक पुलिस-प्रशासन के ध्यान में क्यों नहीं आयी? जब कई बार बता कर भी कार्रवाई नहीं की जाती, तब क्या करना चाहिए? पुलिस-प्रशासन जब अपना काम ठीक से करते हैं, तो जनता को कानून हाथ में लेना ही नहीं पड़ता. पिछले कुछ दिनों से ठेकों के बारे में उत्तर प्रदेश में जो चल रहा है, वही तूफान दूसरे राज्यों में भी चलने की संभावना लग रही है.
मानसी जोशी, ईमेल से
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