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हमारी कार्य संस्कृति
हमारे सरकारी संस्थाओं में दिखावे की कार्य संस्कृति बहुत पुरानी है. जब भी किसी सरकारी संस्था का वरीय पदाधिकारी अथवा माननीयों के द्वारा निरीक्षण हेतु तिथि निर्धारित की जाती है, तब उन्हें दिखाने के लिए उक्त संस्था की सारी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाता है. निरीक्षण के बाद फिर वही ढाक के तीन पात. उसी […]
हमारे सरकारी संस्थाओं में दिखावे की कार्य संस्कृति बहुत पुरानी है. जब भी किसी सरकारी संस्था का वरीय पदाधिकारी अथवा माननीयों के द्वारा निरीक्षण हेतु तिथि निर्धारित की जाती है, तब उन्हें दिखाने के लिए उक्त संस्था की सारी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाता है.
निरीक्षण के बाद फिर वही ढाक के तीन पात. उसी तरह हमारी सरकार की भी स्थिति प्रतीत होती है. फरवरी में रांची के खेल गांव में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित की गयी थी.
उस समय रांची की विधि-व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था, साफ-सफाई काबिले तारीफ थी. कारण था कि आनेवाले देश-विदेश के मेहमानों, इनवेस्टर को दिखाना. लेकिन उसके बाद फिर वही स्थिति. इस बीमारी से हम कब निजात पायेंगे. अधिकारी कब समझेंगे कि ऐसी व्यवस्था सदैव बनाये रखना उनका दायित्व है.
बादल, रांची
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