झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री एक ओर जहां ‘पहले पढ़ाई फिर विदाई’ का नारा देते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अपने पुत्र का विवाह नाबालिग से कराते हैं. देशभर में बेटी बचाने व पढ़ाने की मुहिम चल रही है. खुद प्रधानमंत्री देश के लोगों से बेटी को पढ़ाने व 18 वर्ष के बाद विवाह करने की अपील कर रहे हैं.
ऐसे में झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपने पुत्र का विवाह अगर नाबालिग लड़की से कराते हैं, तो यह घटना भाजपा की कथनी और करनी के अंतर को जगजाहिर करता है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की अपील उनकी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नहीं मान रहे हैं. इस तरह की घटना से समाज में गलत संदेश जायेगा. शादी के कुछ दिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण का भी आरोप लगा, चूंकि यह मामला हाई प्रोफाइल है, इसलिए राज्य के मुखिया इस मामले की निष्पक्ष जांच करायें तथा कार्रवाई करें.
प्रताप तिवारी, सारठ