11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आंबेडकर की प्रासंगिकता

संविधान के शिल्पकार भीमराव आंबेडकर अगर जीवित होते, तो वे आज देश के हालात से निराश होते़ जिस भारत को संवारने के लिए वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, वहां लोग देश की एकता और अखंडता को तोड़ने पर आमादा नजर आते हैं. बाबा साहेब विभेद-रहित समाज का स्वप्न देखते थे. वे स्त्री-शिक्षा […]

संविधान के शिल्पकार भीमराव आंबेडकर अगर जीवित होते, तो वे आज देश के हालात से निराश होते़ जिस भारत को संवारने के लिए वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, वहां लोग देश की एकता और अखंडता को तोड़ने पर आमादा नजर आते हैं. बाबा साहेब विभेद-रहित समाज का स्वप्न देखते थे.

वे स्त्री-शिक्षा के हिमायती थे. उनका कहना था कि एक समुदाय की प्रगति का माप महिलाओं की प्रगति से होता है. शिक्षा के प्रति उनका दृष्टिकोण व्यापक था. आंबेडकर भारत रत्न हैं. वे देश के नेता थे. उन्हें बांटा न जाये. वे आज भी प्रासंगिक हैं.

सुधीर कुमार, गोड्डा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें