दिल्ली की सियासत को झकझोर कर रख देनेवाले अरविंद केजरीवाल ने सत्ता के बारे में चली आ रही कहावतों को ऐसा तोड़ दिया है कि स्थापित नेताओं ने यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक पार्टी जमीन से उठ कर इतनी जल्दी आसमान पर बैठ जायेगी.
सच पूछा जाये तो यह कमाल दिल्ली की जनता ने किया है, जो काबिलेतारीफ है. कहते हैं कि जब हौसले बुलंद हों, तो कांटों पर से गुजरने में भी डर नहीं लगता है. केजरीवाल ने धुरंधर नेताओं को सबक सिखाते हुए दिल्ली की सत्ता आम आदमी के हाथों में सौंप दी.
जनता त्रस्त थी कभी भाजपा, तो कभी कांग्रेस को लेकर. जब उसे मौका मिला तो उसने कर दिखाया. अब केजरीवाल को यह ध्यान रखना होगा कि जनता की उम्मीदों से बनी यह सरकार परिवारवाद, तिकड़म, चाटुकारिता, धन-बल से मुक्त होकर काम करे.
रितेश कुमार दुबे, कतरास