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न करें दुर्घटना का इंतजार
हादसे के बाद सचेत होने की परंपरा पुरानी है. हादसे के बाद सड़क मरम्मत, नरसंहार के बाद पुलिस बल की तैनाती, बम ब्लास्ट के बाद सीसीटीवी लगाना आदि. राजधानी में हुए घटना में यदि विद्यालय प्रशासन सुरक्षा व सामान्य बातों पर ध्यान देता, तो छात्र विनय महतो आज हमारे बीच होता. सभी आवासीय विद्यालयों को […]
हादसे के बाद सचेत होने की परंपरा पुरानी है. हादसे के बाद सड़क मरम्मत, नरसंहार के बाद पुलिस बल की तैनाती, बम ब्लास्ट के बाद सीसीटीवी लगाना आदि. राजधानी में हुए घटना में यदि विद्यालय प्रशासन सुरक्षा व सामान्य बातों पर ध्यान देता, तो छात्र विनय महतो आज हमारे बीच होता. सभी आवासीय विद्यालयों को कुछ बिंदुओ पर गंभीरता से ध्यान देना होगा.
विद्यार्थियों को सीसीटीवी की परिधि में रखना, विद्यार्थियों की निरंतर काउंसलिंग, उच्च मानदंडों वाले शिक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षित गार्डों की नियुक्ति, संस्था प्रधान द्वारा निरंतर निरीक्षण, छात्रावास में शिकायत पेटी, छात्रों की छोटी-छोटी बातों व क्रियाकलापों पर नजर, मोबाइल की मनाही, रात्रि मेें छात्रों के सोने के बाद गिनती, परिपक्व होस्टल वार्डन आदि पर ध्यान देकर स्कूलों में होनेवाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है.
-डाॅ दिवाकर दूबे, रांची
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