भारत को स्वतंत्रता िमले 68 वर्ष से ज्यादा हो गया है. इसके बावजूद भारत के पास अपनी राष्ट्रभाषा नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 351 (1) के तहत हिंदी को राजभाषा के रूप में 14 सितंबर, 1949 को मान्यता मिली. राजभाषा का अर्थ है ‘‘किसी देश की सरकार द्वारा प्रशासनिक कामकाज जिस भाषा में किया जाता है उसे राजभाषा कहते हैं.’’
राष्ट्रभाषा का तात्पर्य है ‘‘किसी देश की बहुसंख्यक लोगों द्वारा बोली गयी एक निश्चित भाषा को राष्ट्रभाषा कहा जाता है.’’ नि:संदेह हमारे देश में हिंदी अधिकतर लोगों की भाषा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विदेश यात्रा के दौरान हिंदी में भाषण देकर हिंदी को गौरवान्वित किया है. हमारे राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत हिंदी में होते हुए भी इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल सका, आखिर क्यों? अगर राष्ट्रभाषा की कसौटी पर हिंदी खरी उतरती है, तो उसे उसका मान मिलना चाहिए.
-मो. आशिक, हुगली