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क्या अब विकास होगा?
गांवों में नयी सरकार बन गयी. मगर, संशय बरकरार है कि क्या अब विकास होगा? पिछले पांच वर्षों से विकास को लेकर सब यही चर्चा कर रहे थे कि हमारे विकास के लिए कौन आगे आयेगा. अब लगता हैं कि सही में विकास हो पायेगा? क्योंकि, ज्यादातर जनप्रतिनिधि धन-बल पर नेता बने हैं. ऐसे नेता […]
गांवों में नयी सरकार बन गयी. मगर, संशय बरकरार है कि क्या अब विकास होगा? पिछले पांच वर्षों से विकास को लेकर सब यही चर्चा कर रहे थे कि हमारे विकास के लिए कौन आगे आयेगा. अब लगता हैं कि सही में विकास हो पायेगा? क्योंकि, ज्यादातर जनप्रतिनिधि धन-बल पर नेता बने हैं. ऐसे नेता हमारे विकास के लिए सही कैसे हो सकते हैं. इस खेल में वैसे व्यक्ति भी शामिल हैं, जो अपना मत बेच कर गलत आदमी को चुनने में मदद किये हैं.
इससे ऐसा लगता हैं कि हमारे गांवों, पंचायतों, जिलों का विकास रुक जायेगा़. एेसे में गांवों की आवश्यकता कभी पूरी नहीं हो पायेगी. आम जनता जब तक सोयी रहेगी, तब तक हमारा विकास बाधित रहेगा. सोयी हुई आम जनता को अब जागना होगा.
हर एक को समझना होगा सही और गलत का फर्क करने के बाद ही हमारा विकास होगा. अगर ऐसे ही होता रहा, तो पूरे देश के विकास की गति धीमी हो जायेगी और अंत में जनता को ही भुगतना पड़ेगा.
-नीतीश चंद्र महतो, चक्रधरपुर
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