10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राजस्व से ज्यादा जनहित जरूरी

बालू घाटों की नीलामी में राज्य के बाहर की कंपनियों को ठेका मिलने के तगड़े जनविरोध के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर रोक तो लगा दी, लेकिन शायद नीलामी से राज्य को संभावित राजस्व आय के बंद होने का दर्द वे बरदाश्त नहीं कर पा रहे हैं. पलामू में आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में झारखंड […]

बालू घाटों की नीलामी में राज्य के बाहर की कंपनियों को ठेका मिलने के तगड़े जनविरोध के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर रोक तो लगा दी, लेकिन शायद नीलामी से राज्य को संभावित राजस्व आय के बंद होने का दर्द वे बरदाश्त नहीं कर पा रहे हैं. पलामू में आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बालू की नीलामी से सरकार को 400 करोड़ की आमदनी होती और इसका 80 फीसदी पंचायतों पर खर्च होता.

यह सही है कि राज्य के मुखिया राजस्व की चिंता करें, लेकिन जनता के व्यापक हितों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए. यह देखना भी अहम है कि इससे आमलोगों का कितना फायदा हो रहा है. जनता के लिए ही राज्य बनता है. शासक को हमेशा जनता की भलाई के बारे में सोचना चाहिए. बालू की नीलामी जिस तरीके से हो रही थी, उससे यह तय था कि सिर्फ बाहरी कंपनियों का बालू उठाव पर कब्जा हो जाता. नतीजतन, शायद आनेवाले दिनों में झारखंड में रहनेवाले लोगों को अपनी ही नदी की बालू दोगुने-तिगुने कीमत पर खरीदनी पड़ती.

यानी बालू पर भी कॉरपोरेट का कब्जा हो जाता. इसका विरोध यहां के लोगों ने भी किया. जो शायद जायज भी है. राज्य में बेरोजगारी का आलम किसी से छुपा नहीं है. ताजा हालत यह है कि राज्य के 654 बालू घाटों पर काम बंद होने से 92 हजार लोग बेरोजगार हो गये हैं. राज्य भर में भवन निर्माण, पुल-पुलिया निर्माण समेत विकास के कई ऐसे कार्य ठप होने को हैं. उनमें लगे मजदूरों व अन्य लोगों तथा उनके परिवारों के समक्ष भी रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. कई गैरकानूनी संगठन इस बेरोजगारी का फायदा उठा सकते हैं. ऐसे में सरकार को इस संदर्भ में शीघ्रातिशीघ्र नीतिगत निर्णय लेना चाहिए.

यह सही है कि कोई भी निर्णय करने से पहले राज्य के बजट को देखना चाहिए. लेकिन क्या बड़ी-बड़ी कंपनियों को ठेका देने के बाद बालू के दाम बेतहाशा बढ़ने लगेंगे, तो सरकार उस पर अंकुश लगा पायेगी? इन सवालों पर गौर किये बिना कोई भी निर्णय लेना जनहितकारी साबित नहीं होगा. विकास का लोकतांत्रिक नजरिया होना चाहिए. सरकार को पूंजीपतियों के हितों के बजाय व्यापक जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें