बीते दिनों उत्तराखंड में आया भूकंप और दिल्ली-एनसीआर में कुछ दिनों पहले आये भूकंप को देखते हुए हमें भविष्य में भूकंप से बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. लगातार आ रहे भूकंप के इन झटकों को हमें हलके में नहीं लेना चाहिए.
यह संयोग ही है कि हाल के दिनों में आये भूकंप की तीव्रता कम थी, जिसके कारण नुकसान नहीं हुआ और हुआ भी तो काफी कम. शोध दर्शाते हैं कि हिमालयी इलाकों में आठ या इससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप के लिए काफी परिस्थितियां पैदा हो गयी हैं. यह कोई नहीं बता सकता कि कब ज्यादा तीव्रता वाली भूकंप आ जाये.
बाद में नुकसान पर रोने से अच्छा है कि हम अभी से इसके लिए सतर्क रहें, ताकि नुकसान कम हो. हमें अभी इस पर भी ध्यान देना होगा कि इन इलाकों में भूकंप के लिए परिस्थितियां क्यों, कैसे पैदा हो गयीं और इसे कैसे कम किया जाये.
प्रशांत कुमार, साउथ एक्स-1, नयी दिल्ली