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सेकुलरिज्म का पोस्टमॉर्टम

सेकुलरिज्म एक भ्रामक और कुपरिभाषित शब्द है. अधिकांश लोग इस शब्द का सही अर्थ भी नहीं जानते. इस शब्द की न तो कोई सटीक परिभाषा है और न ही कोई व्याख्या. लेकिन कुछ धूर्तो और सत्ता-लोलुप लोगों ने सेकुलर शब्द का अर्थ ‘धर्मनिरपेक्ष’ कर दिया, जिसका मूल अंगरेजी शब्द से दूर का भी संबंध नहीं […]

सेकुलरिज्म एक भ्रामक और कुपरिभाषित शब्द है. अधिकांश लोग इस शब्द का सही अर्थ भी नहीं जानते. इस शब्द की न तो कोई सटीक परिभाषा है और न ही कोई व्याख्या. लेकिन कुछ धूर्तो और सत्ता-लोलुप लोगों ने सेकुलर शब्द का अर्थ ‘धर्मनिरपेक्ष’ कर दिया, जिसका मूल अंगरेजी शब्द से दूर का भी संबंध नहीं है. यही नहीं, कुछ कपटी लोगों ने सेकुलर शब्द का एक विलोम शब्द भी गढ़ लिया ‘संप्रदायवाद’.

आज यह सत्तालोभी, हिंदूद्रोही नेता अपने सभी अपराधों पर परदा डालने और हिंदुओं के प्रति विद्वेष फैलाने के लिए इन्हीं शब्दों का प्रयोग करते हैं. इन लोगों की मान्यता है कि कोई व्यक्ति, चाहे वह कितना ही बड़ा अपराधी हो, भ्रष्टाचारी हो या देशद्रोही ही क्यों न हो, यदि वह ख़ुद को सेकुलर बताता है, तो उसे दूध का धुला, चरित्रवान, देशभक्त और निदरेष मानना चाहिए.

इस तरह से ये लोग अपने सारे अपराधों को सेकुलरिज्म की चादर में छिपा लेते हैं. लेकिन यही सेकुलर लोग जब किसी संगठन को कानूनी शिकंजे में फंसाना चाहते हैं, तो उनपर संप्रदायवादी होने का आरोप लगा कर उन्हें प्रताड़ित करते हैं. सेकुलर का वास्तविक अर्थ और इतिहास बहुत कम लोगों को पता है. इस सेकुलरिज्म रूपी राक्षस को इंदिरा गांधी ने जन्म दिया था. इमरजेंसी के दौरान (1975-1977) इंदिरा ने अपनी सत्ता को बचाने ओर लोगों का मुंह बंद कराने के लिए पहली बार सेकुलरिज्म का प्रयोग किया था. इसके लिए इंदिरा ने दिनांक 2 नवंबर 1976 को संविधान में 42वां संशोधन करके उसमें सेकुलर शब्द जोड़ दिया था, जो कि एक विदेश से आयात किया हुआ शब्द है. हिंदी में इसके लिए धर्मनिरपेक्ष शब्द बनाया गया. यह एक पूर्ण्तया बनावटी शब्द है.

विकास ओझा, गोलमुरी, जमशेदपुर

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