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सच को झुठला रहे राजनीतिक संगठन
राजनीतिक दलों की नजर में देश की जनता बिलकुल मूर्ख ही नजर आती है. हाल ही में श्रमिक संगठन एक्टू के राष्ट्रीय सम्मेल में उसके अध्यक्ष ने अपने भाषण के दौरान बाबरी मसजिद गिरानेवालों पर देश को गिराने का आरोप लगाया. पूरी दुनिया समेत देश के मुसलमान भी जानते हैं कि राम मंदिर की बुनियाद […]
राजनीतिक दलों की नजर में देश की जनता बिलकुल मूर्ख ही नजर आती है. हाल ही में श्रमिक संगठन एक्टू के राष्ट्रीय सम्मेल में उसके अध्यक्ष ने अपने भाषण के दौरान बाबरी मसजिद गिरानेवालों पर देश को गिराने का आरोप लगाया.
पूरी दुनिया समेत देश के मुसलमान भी जानते हैं कि राम मंदिर की बुनियाद पर ही बाबरी मसजिद का निर्माण कराया गया है. कई धार्मिक प्रवृत्ति के मुसलमान भी रामलला को आजाद करने की बात करते हैं. रामलला खुले में रहें और उनके नाम पर राजनीति करनेवाले महलों में निवास करें, ऐसे कैसे हो सकता है?
16वीं शताब्दी की शुरुआत में राम मंदिर को तोड़ कर बाबरी मसजिद का निर्माण कराया गया है. इस तथ्य को जानते हुए भी उक्त संगठन के अध्यक्ष आखिर क्या साबित करना चाहते हैं? राजनीतिक फायदे के लिए राजनीतिक दल ऐतिहासिक सच्चई झुठला रहे हैं.
प्रिंस कुमार दुबे, पूर्वडीहा, पलामू
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