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महिला सुरक्षा के बिना विकास असंभव
महिला सुरक्षा आज देश की बड़ी आवश्यकताओं में से एक है. यह समस्या घरेलू स्तर से समाजिक स्तर तक है. प्राचीनकाल से ही जहां अन्य देशों में महिलाओं को घर के काम करने मात्र और पुरुष के अधीन रहनेवाली बताया जाता था, वहीं भारत में महिलाओ के प्रति हमेशा बराबरी का भाव रहा है. ‘यत्र […]
महिला सुरक्षा आज देश की बड़ी आवश्यकताओं में से एक है. यह समस्या घरेलू स्तर से समाजिक स्तर तक है. प्राचीनकाल से ही जहां अन्य देशों में महिलाओं को घर के काम करने मात्र और पुरुष के अधीन रहनेवाली बताया जाता था, वहीं भारत में महिलाओ के प्रति हमेशा बराबरी का भाव रहा है.
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’. इसका मतलब है कि जहां महिला की पूजा होती है, वहीं देवता निवास करते है. यह वाक्य महिलाओं को बराबरी का अधिकार की वकालत करता रहा है. आज की महिलाएं आत्मनिर्भर हैं. वे हर क्षेत्र में देश को किसी न किसी रूप में अपना योगदान दे रही हैं.
इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान करना बहुत ही जरूरी है. उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ करके हम कभी तरक्की नहीं कर सकते. जिस घर में महिलाओं की कद्र नहीं होगी, वहां विकास भी नहीं हो सकता.
शिवेंद्र कुमार, पतरातु
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