आज की तारीख में आधार कार्ड लोगों के जीवन का आधार बन गया है. हर सरकारी काम से लेकर आम जीवन में भी इसकी महत्ता काफी अधिक बढ़ गयी है. यह देश के लोगों के लिए जितना अधिक महत्वपूर्ण बन गया है, उतना ही जी का जंजाल भी बन गया है.
भारत सरकार ने बीते महीनों में आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया जोर-शोर से शुरू तो की थी, लेकिन अब भी देश के ज्यादातर लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है. जिनके पास आधार कार्ड नहीं है या फिर जिनका आधार कार्ड कहीं गुम हो गया है, उनके जीवन की गाड़ी चल पानी मुश्किल हो गयी है. खास कर शिक्षा ग्रहण करनेवाले छात्र-छात्रओं की मुश्किलें तो अधिक बढ़ गयी हैं. आज स्थिति ऐसी है कि यदि किसी को बैंक खाता खुलवाना है, तो पहचान के तौर पर आधार नंबर बताना जरूरी है. बच्चों का स्कूल में दाखिला दिलवाना है, तो आधार नंबर जरूरी है, राशन खरीदने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में राशन कार्ड बनवाना है, तो आधार कार्ड जरूरी है.
लेकिन यह समझ में नहीं आता कि आखिर वे लोग आधार कार्ड या आधार नंबर कहां से लायें, जिनका आधार कार्ड अभी तक बना ही नहीं या कहीं गुम हो गया है और दोबारा नहीं बन सका है? सरकार ने आनन-फानन में आधार कार्ड बनाने के आरंभिक अभियान की शुरुआत कर तो दी, लेकिन जो लोग इससे वंचित रह गये या किसी तकनीकी खराबी के कारण जिनका आधार कार्ड नहीं बन सका, वे आज तक इससे वंचित हैं.
सरकार से अनुरोध है कि वे देश समेत पूरे झारखंड में आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कराये या फिर सरकारी और गैर सरकारी कार्यो से आधार नंबर की जरूरत को समाप्त करे.
रिया कुमारी, सिसई, गुमला