* चिकित्सा में ओ कीफे व मोजर दंपती को सम्मान
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अल्जाइमर रोग से मिलेगी निजात!
* चिकित्सा में ओ कीफे व मोजर दंपती को सम्मान स्टॉकहोम : प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार 2014 की घोषणा सोमवार से शुरू हो चुकी है. इस कड़ी में सबसे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ कीफे और नार्वे के दंपती मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर को यह सम्मान दिया गया है. इन वैज्ञानिकों […]
स्टॉकहोम : प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार 2014 की घोषणा सोमवार से शुरू हो चुकी है. इस कड़ी में सबसे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ कीफे और नार्वे के दंपती मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर को यह सम्मान दिया गया है.
इन वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के बारे में एक विशिष्ट खोज की है, जो आनेवाली पीढ़ी को बहुत फायदा पहुंचायेगी. मोजर दंपती ऐसा पांचवां और चिकित्सा के क्षेत्र में दूसरा विवाहित जोड़ा है, जिसे नोबेल मिला है. इससे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में गेर्टी कोरी और कार्ल कोरी दंपती को भी नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था.
नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने बताया कि इन वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क के भीतरी जीपीएस की खोज की है. इसकी मदद से ही हमारा मस्तिष्क दिक् (दिशाओं) के अनुरूप अपने आप को ढाल पाता है. निर्णायक मंडल ने कहा, जॉन ओ कीफे, मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर ने एक ऐसी पुरानी गुत्थी को सुलझा दिया है, जिससे दुनिया भर के दार्शनिक और वैज्ञानिक सदियों से जूझ रहे थे. निर्णायक मंडल ने आगे कहा, मस्तिष्क के ह्यपोजिशनिंग सिस्टम की जानकारी से हमें दिक् संबंधी स्मृति के लोप हो जाने की समस्या को जानने की प्रणाली का पता लगाने में मदद मिलती है.
इसी स्मृति के लोप होने से लोग अल्जाइमर से ग्रसित हो जाते हैं. सम्मान पाने वाले तीनों वैज्ञानिक 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (11 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि को साझा करेंगे. राशि का आधा हिस्सा ओ कीफे को जायेगा. जबकि शेष राशि मोजर दंपती को मिलेगी.
निर्णायक मंडल के मुताबिक यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन के प्रोफेसर ओ कीफे ने सबसे पहले 1971 में मस्तिष्क के आंतरिक पोजिशनिंग सिस्टम को खोजा था. उसके तीन दशक बाद 2005 में मे-ब्रिट और एडवर्ड मोजर ने इस सिस्टम के एक अन्य महत्वपूर्ण अवयव की खोज की. दोनों ने मस्तिष्क में एक सेल (प्रकोष्ठ) की खोज की, जिसका नाम दिया गया है ग्रिड सेल. यह सिस्टम मस्तिष्क में तालमेल बिठाता है. इस खोज से अल्जाइमर से ग्रसित लोगों को काफी मदद मिल सकती है.
* 1895 में हुई स्थापना : स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम स्थित कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट हर साल यह पुरस्कार उन लोगों को देता है जिन्होंने शरीर विज्ञान या चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण काम किया होता है. यह उन पांच नोबेल पुरस्कारों में शामिल है जिनकी स्थापना डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल ने सन 1895 में अपनी वसीयत के जरिये की थी.
* 112 सालों में 560 नोबेल : सन 1901 और 2013 के बीच 560 नोबेल पुरस्कार दिये गये. जो 876 लोगों और संगठनों को मिले. अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करनेवाले लोगों के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा शुरू हो गयी है. सबसे पहले सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र में तीन शोधकर्ताओं को नोबेल सम्मान दिया गया है. मंगलवार को रसायन विज्ञान और बुधवार को भौतिकी के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा स्टाकहोम में होगी. गुरुवार को नार्वे की राजधानी ओस्लो में नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का नाम घोषित किया जायेगा. 1968 में स्वीडन के बैंक द्वारा स्थापित अर्थशास्त्र में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार का विजेता 13 अक्तूबर को दिया जायेगा.
* वैज्ञानिकों का परिचय
– जॉन ओ कीफे : इनके पास अमेरिका और ब्रिटेन दोनों देशों की नागरिकता है. वह यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान के प्रोफेसर और सेंसबरी वेलकम तंत्रिका सर्किट एवं व्यवहार शोध केंद्र के निदेशक हैं.
– मोजर दंपती : मे-ब्रिट त्रोंदेहम स्थित नार्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में तंत्रिका विज्ञान की प्रोफेसर और तंत्रिका संगणना केंद्र की निदेशक हैं. उनके पति एडवर्ड मोजर भी इसी विवि में प्रोफेसर हैं और कवली इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स न्यूरोसाइंस के निदेशक हैं.
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