चुनाव नजदीक है और ऐसे समय में दल बदल न हो, ऐसा कभी नहीं हो सकता. चुनाव के समय में दलबदल इतना अधिक होता है कि समझ नहीं आता कि कौन किस पार्टी के नेता हैं. जो नेता पार्टी से खूब नाम कमा चुके होते हैं, अगर वे किसी दूसरी पार्टी के शरण में चला जाये, तो आप क्या कहेंगे.
अगर सच में वे अपनी पार्टी से संतुष्ट नहीं थे, तो पहले ही दलबदल कर लेते. चुनाव के समय दलबदल का सीधा मतलब सत्ता की चाह है. आज यह स्थिति है कि जब भी आप टीवी पर समाचार देखेंगे, तो आपको हर दिन कोई न कोई दलबदल की खबर मिल जायेगी.
यह दुखद व हास्यास्पद भी है. ऐसा लगता है कि ये नेता सत्ता की चाह में कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हैं. ऐसे में मतदाताओं को सोच समझ कर वोट देना चाहिए और वोट देने से पहले उन्हें अपने सही नेता की पहचान कर लेनी चाहिए क्योंकि हर वोट कीमती है.
पालूराम हेंब्रम, सालगझारी, जमशेदपुर