रांची में नये ट्रैफिक सिग्नल और वीडियो कैमरे लगा कर ट्रैफिक की समस्या को हल करने का प्रयास किया जा रहा है. वैसे तो यह बहुत ही अच्छा प्रयास है, लेकिन एक बात समझ में नहीं आयी कि रात के 11 बजे, जब सड़कों पर ट्रैफिक बिल्कुल ही नहीं होता, उस समय भी ट्रैफिक सिग्नल लाल हुआ और कुछेक गाड़ियों को मजबूरी में रुकना ही पड़ा, जबकि चारों तरफ की सड़कें खाली थीं. इस तरह बेवजह गाड़ियों को रात में रोकना और उनका समय बर्बाद करना जिला प्रशासन की अदूरदर्शिता को उजागर करता है.
देश के अन्य शहरों के मॉडल का इस्तेमाल करें, तो ऐसी समस्या नहीं आयेगी. बड़े शहरों में रात में (नौ-दस बजे के बाद) सभी ट्रैफिक सिग्नल को पीला कर दिया जाता है, ताकि लोगों को अनावश्यक रुकना न पड़े और अपनी सूझबूझ से आसानी से पार कर लें. उम्मीद है जिला प्रशासन इस ओर ध्यान देगा.
मृणाल कांति रक्षित, सेक्टर-2, धुर्वा, रांची