सीआरपीएफ की गाड़ी पर पुलवामा में जिस तरह का फिदायीन हमला किया गया है, उसने पूरे देश को सकते में डाल दिया है. ऐसे वक्त में जब कश्मीर में अमन चैन कायम हो रहा था, लोग चैन और सुकून से रह रहे थे, आतंकवादियों ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया. सवाल चूक या सुरक्षा का नहीं है. जब तक हम इन आतंकी ठिकानों को नष्ट नहीं करेंगे, तब तक ऐसे हमले होते रहेंगे और हमारे जवान अपनी शहादत देते रहेंगे.
अब वक्त आ गया है कि जब तक हम पूरी ताकत और तैयारी के साथ सीमा पार जाकर आतंकी ठिकानों, उनके पोषक संगठनों और उससे जुड़े लोगों को खत्म नहीं करेंगे, तब तक भारत में आतंक का यह खेल बंद नहीं होगा. आखिर कब तक हमारी सेना हाथ पर हाथ धरे बैठी रहेगी? कब उसे सीमा पार जाकर कार्रवाई करने की खुली छूट मिलेगी?
शशि कुमार श्रीवास्तव, रोहाई (अरवल)