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निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक जरूरी

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में एक निर्देश जारी कर बताया कि अब कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों के बस्ते का बोझ अधिकतम डेढ़ किलोग्राम होगा. यानी की स्कूली बच्चों के लिए बस्ते को एक नियम से लाना होगा, जो स्कूल तय करेगा. जब छोटे-छोटे बच्चों को एक भारी बैग लेकर स्कूल […]

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में एक निर्देश जारी कर बताया कि अब कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों के बस्ते का बोझ अधिकतम डेढ़ किलोग्राम होगा.
यानी की स्कूली बच्चों के लिए बस्ते को एक नियम से लाना होगा, जो स्कूल तय करेगा. जब छोटे-छोटे बच्चों को एक भारी बैग लेकर स्कूल आना पड़ता है तो ​वह उससे उबने लगता है.
कई बार तो बच्चा साफ तौर पर पढ़ने जाने से इन्कार कर देता है. वहीं, अधिकांश प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से बच्चों की अच्छी पढ़ाई के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं. इसके अलावा मोटी-मोटी किताब, अच्छी क्वालिटी के कागज की कॉपी के साथ स्कूल अपना ही बैग भी थमा देता है.वहीं, समय-समय पर परीक्षा के नाम पर भी रुपये की वसूली की जाती है. ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बच्चों के बैग का वजन उसके​ वजन के 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होने का प्रावधान बनाया है.
नितेश कुमार सिन्हा, जानपुल चौक (मोतिहरी)

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