लखनऊ में पुलिसकर्मी द्वारा एक आइटी प्रोफेशनल की हत्या वास्तव में पुलिस के अमानवीय और डरावने चेहरे को उजागर करती हैं. इस तरह की घटनाएं शायद अन्य स्थानों पर भी होती हैं, जो प्रायः मीडिया से बाहर रहती हैं. इस हत्या के लिए तो पुलिस के सही प्रशिक्षण और उसके व्यवहार के सतत निरीक्षण का अभाव ही मुख्यतः जिम्मेदार है.
बड़े दुख की बात है कि खुद पुलिस की उपस्थिति में अनेक गलत कार्य होते हैं, जिन्हें ये देखते तक ही नहीं है और न जाने क्यों छोड़ भी देते हैं. इसलिए सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और ठोस कदम उठाने चाहिए.