खबर है कि इस वर्ष दीवाली पर अयोध्या में तीन लाख दीये जलाये जायेंगे. वास्तव में दीवाली प्रकाश और स्वच्छता का पवित्र पर्व है, जिसे इसकी मूल भावना और अर्थ में मनाना ही सही और सर्वहित में है. खुशी की बात है कि पिछले कई वर्षों से प्रदूषण से बचने के लिए देश की प्रबुद्ध जनता भी अब आतिशबाजी से दूर हो रही है. यह एक अच्छी बात है. माननीय सुप्रीम कोर्ट भी इस दिशा में सही फैसले दे ही रहा है.
दीयों की तुलना में बिजली के बल्ब ही कहीं अधिक सही और अच्छे हैं, क्योंकि इनसे न तो धुआं निकलता और न ही प्रदूषण होता है. इनसे आग लगने का डर भी नहीं होता है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए आज हर छोटे-बड़े प्रयास जरूरी हैं. इसलिए इस दिशा में जितना भी हम अच्छा कर सकते हैं, हमें सर्वहित में उतना जरूर करना चाहिए.
वेद मामूरपुर, नरेला