23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कब पूरी होगी रोजगार की आस?

15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड का उदय हुआ. यहां के युवाओं ने हजारों सपने देखे. उन्हें लगा कि अब तो यहां के सरकारी तंत्र में उनकी योग्यता की पूछ होगी. रोजगार के अवसरों की बौछार होगी. लेकिन ये सपने धीरे-धीरे टूटते नजर आ रहे हैं. साढ़े तेरह सालों में चार जेपीएससी […]

15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड का उदय हुआ. यहां के युवाओं ने हजारों सपने देखे. उन्हें लगा कि अब तो यहां के सरकारी तंत्र में उनकी योग्यता की पूछ होगी. रोजगार के अवसरों की बौछार होगी.
लेकिन ये सपने धीरे-धीरे टूटते नजर आ रहे हैं. साढ़े तेरह सालों में चार जेपीएससी (सिविल सेवा) परीक्षा, एक बार दारोगा नियुक्ति, टीचरों की बहाली भी टीइटी के अनुरूप हो न सकी. सही मायनों में झारखंड के दु:ख-दर्द को समझने वाला यहां का कोई नेता नहीं है.
उन्हें तो बस अपनी कुर्सी चाहिए. विकास से कोई लेना-देना नहीं. हर साल नयी सरकार बनती है और हम युवा हर बार उससे उम्मीद लगा लेते हैं कि वह हमारी योग्यता के अनुसार नियोजित करेगी. जब तक हमारी यह उम्मीद पूरी नहीं हो जाती, हम यूं ही आस लगाये बैठे रहेंगे. हमें इंतजार रहेगा.
दिव्या रानी, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें