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प्रभावी कार्यान्वयन की जरूरत
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी ग्लोबल करप्शन इंडेक्स 2017 में देश को 2015 की तुलना में दो अंक ज्यादा मिला है यानी दो वर्ष में दो अंक का इजाफा. इससे यह प्रतीत होता है कि पिछले दो वर्ष में किये गये भ्रष्टाचार उन्मूलन कार्यक्रम पर्याप्त नहीं हैं. एक तरफ सूचना तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देना, […]
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी ग्लोबल करप्शन इंडेक्स 2017 में देश को 2015 की तुलना में दो अंक ज्यादा मिला है यानी दो वर्ष में दो अंक का इजाफा.
इससे यह प्रतीत होता है कि पिछले दो वर्ष में किये गये भ्रष्टाचार उन्मूलन कार्यक्रम पर्याप्त नहीं हैं. एक तरफ सूचना तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देना, अधिकतर काम काज को ऑनलाइन करना, व्यापार करने की सुगमता, सेवा देने का नियमावली आदि के तहत समय पर काम पूरा करने की तत्परता तो दूसरी तरफ अभी भी अफसरशाही, लेट लतीफी बदस्तूर जारी है.
इसलिए सरकार और प्रशासन को इस दिशा में प्रभावशाली तरीके से कार्यान्वयन करने की जरूरत है जिससे की अगले दो साल बाद अगर यही रिपोर्ट जारी हो तो देश की स्थिति में बेहतर बदलाव नजर आये.
अनिल मांझी, इमेल से
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