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झूठ की विंडो
आलोक पुराणिक व्यंग्यकार इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने 31 सैटेलाइट आसमान में छोड़ दिये. एक टीवी चैनल के एंकर ने बताया कि अब भारत इतना महाबली हो गया है कि पाकिस्तान में छिपे दाऊद इब्राहीम ने कौन सी शर्ट पहनी है, यह भी पता लगाया जा सकता है. मैंने इस खबर सुनकर उस टीवी एंकर […]
आलोक पुराणिक
व्यंग्यकार
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने 31 सैटेलाइट आसमान में छोड़ दिये. एक टीवी चैनल के एंकर ने बताया कि अब भारत इतना महाबली हो गया है कि पाकिस्तान में छिपे दाऊद इब्राहीम ने कौन सी शर्ट पहनी है, यह भी पता लगाया जा सकता है.
मैंने इस खबर सुनकर उस टीवी एंकर को डांटा- दाऊद से क्या मॉडलिंग करानी है, जो यह पता करने में किसी भारतीय की रुचि हो कि दाऊद पहनता क्या है. हमें तो यह बताओ कि दाऊद इंडिया कब लाया जायेगा.
यह काम सैटेलाइट नहीं कर पायेगा. लेकिन, जो सैटेलाइट करेगा, उसने बहुतों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.समझने की बात यह है कि इंसानों और जानवरों में बुनियादी फर्क क्या है. बुनियादी फर्क यह है कि इंसान झूठ बोल सकता है कुत्ता नहीं. इंसान झूठ बोल सकता है, गधा नहीं. इसका मतलब यह न निकाला जाये कि जो इंसान झूठ न बोले वह कुत्ता या गधा है. इसका सिर्फ यह मतलब है कि ऊंची तकनीक इस कदर निकृष्ट परिणाम ला रही है और लायेगी कि झूठ बोलना बिल्कुल मुश्किल हो जायेगा.
जो सैटेलाइट ऊपर गये हैं, वे सब कुछ देख सकते हैं. सब कुछ यानी हरेक बंदे के हर मूवमेंट पर अब और ज्यादा कड़ी नजर रखी जा सकती है. जैसे कोई बंदा अपनी बीवी से झूठ बोले- मैं तो अपने प्रोफेसर गुप्ता से मिलने जा रहा हूं और फिर वह शराब पीने चला जाये. ऊपर के स्टाइल सैटेलाइट से चलनेवाला मोबाइल एप्लीकेशन नीचे बंदे की बीवी को बता देगा कि वह प्रोफेसर गुप्ता किसी और शहर गये हैं मौज मस्ती को, हालांकि बता वह भी यही गये हैं अपने घर में कि दूसरे शहर वह अपने प्रोफेसर से मिलने गये हैं.झूठ बोलने जैसे मानवीय कर्म को मुश्किल बना दे, हाय हम तो बिना सैटेलाइट के ही सुखी थे.
ऊपर इसरो के सैटेलाइट सब पर नजर रख रहे हैं. अब जैसे ही कोई नौजवान किसी बालिका को मैसेज भेजेगा- आई लव यू- साथ में अपने आप यह मैसेज रिपोर्ट जायेगी कि सुबह से यह संदेश 1678 लड़कियों को भेजा जा चुका है.
ले बेट्टे, सैटेलाइट से लंका लगेगी, रिश्तों में!
प्लीज इतना किया जाये कि तकनीक में झूठ की विंडो रखी जाये. चाहे तो सरकार उनसे एक फीस वसूल ले, जो इस तरह के सैटेलाइटों की पकड़ से दूर रहना चाहते हों. सिर्फ इस फीस से ही सरकार का राजकोषीय घाटा खत्म हो जायेगा.
तकनीक में झूठ की विंडो का खुलना जरूरी है. वरना आफत हो जायेगी. अभी एक वैज्ञानिक काम कर रहे हैं कुछ ऐसी तकनीक पर, जिसमें कोई अश्लील वेबसाइट पर जाये, तो ब्राउजिंग हिस्ट्री में आता है- भजन कर रहे थे. आजकल जैसे बाबा-बाबियों की धरपकड़ हो रही है, उसे देखते हुए अश्लील कर्मों को भजन-पूजा कहने में बहुत अनर्थ नहीं हो जायेगा.बहुत सच्चाई अफोर्ड न की जा सकती. कई लोग अपनी ब्राउजिंग हिस्ट्री देखके समझ सकते हैं.
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