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वीजा पर कड़ाई!

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व में सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी भारतीय मूल के है. रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ करोड़ से ज्यादा भारतीय विदेश में रहते हैं, जो कि प्रवासियों की कुल संख्या का तकरीबन छह फीसदी है. भारतीय प्रवासियों का बड़ा हिस्सा अमेरिका में रहता है. विदेश, विशेषकर […]

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व में सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी भारतीय मूल के है. रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ करोड़ से ज्यादा भारतीय विदेश में रहते हैं, जो कि प्रवासियों की कुल संख्या का तकरीबन छह फीसदी है. भारतीय प्रवासियों का बड़ा हिस्सा अमेरिका में रहता है. विदेश, विशेषकर अमेरिका, जाने और रहने के पीछे मुख्य वजह है बेहतर शिक्षा और रोजगार की उम्मीद, लेकिन अमेरिका से चिंताजनक खबरें आ रही हैं.

अमेरिकी गृह विभाग की एक नोटिस में कहा गया है कि एच-1बी वीजा के आधार पर काम कर रहे व्यक्तियों के पति/पत्नी को अमेरिका में काम करने की दी गयी अनुमति वापस ली जा सकती है. बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहते एच-1बी वीजा पर भारत या चीन के कामगारों की पत्नी/पति को नौकरी करने की अनुमति मिली थी. अमेरिका हर साल तकरीबन 85 हजार एच-1बी वीजा जारी करता है. छोटी अवधि के लिए जारी किये जानेवाले इस वीजा को हासिल करनेवाले में तकरीबन 75 फीसदी भारतीय होते हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में एक आदेश जारी किया था, जिसमें अमेरिकियों को नौकरी देने और देश में बनी चीजों को खरीदने पर जोर दिया गया था. गृह विभाग के नोटिस में राष्ट्रपति ट्रंप के उस आदेश की झलक देखी जा सकती है.

नोटिस में एच-1बी वीजा पर काम करने वाले लोगों के पति/पत्नी को नौकरी से मनाही के अतिरिक्त यह जिक्र भी आया है कि वीजा के अंतर्गत शामिल नौकरियों की सूची छोटी की जा सकती है. ऐसा होने पर अमेरिका में प्रवासियों के लिए अवसर और भी कम होंगे. गौरतलब है कि जुलाई में आयी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि विदेश जाने की योजना बना रहे या इसकी तैयारी कर रहे भारतीयों की संख्या 48 लाख से अधिक है और इनमें ज्यादातर अमेरिका तथा ब्रिटेन जाना चाहते हैं. यूरोपीय देशों तथा अमेरिका ने कई दफे कहा है कि भारतीय प्रवासियों का उनकी अर्थव्यवस्था की बढ़वार में बहुत योगदान है. राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने खुद एक वीडियो जारी कर अमेरिका में रह रहे भारतीयों के योगदान की सराहना की थी.

और, इस सोच की निरंतरता में ही भारत की सरकारों की यह सोच रही है कि प्रवासी और अनिवासी भारतीय विकसित मुल्कों में भारत की साख कायम करने और देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, लेकिन हाल-फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों के कारण अमेरिका में रह रहे भारतीयों के हितों को चोट पहुंचने की आशंका बढ़ी है.

इस आशंका को दूर करने तथा भारतीय प्रवासियों के हितों की रक्षा के लिए भारत सरकार को फौरी तौर पर राजनयिक पहलकदमी करने की जरूरत है. दोनों देशों के नजदीकी रिश्तों को देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि इस मसले को सुलझाना मुश्किल नहीं होगा.

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