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ब्लू-व्हेल का खतरनाक खेल, और जान देते युवा

गेमिंग टेक्नोलॉजी के इस दौर में ऑनलाइन गेम बहुत जल्द लोकप्रिय हो जाते हैं, नतीजतन बहुत से लोग इसे खेलने का मजा लेते हैं. ब्लू व्हेल चैलेंज भी एक ऑनलाइन गेम है. लेकिन यह गेम इतना खतरनाक और घातक है कि इसे खेलते हुए युवा अपनी जान देने लगे हैं. जब से यह गेम डेवलप […]

गेमिंग टेक्नोलॉजी के इस दौर में ऑनलाइन गेम बहुत जल्द लोकप्रिय हो जाते हैं, नतीजतन बहुत से लोग इसे खेलने का मजा लेते हैं. ब्लू व्हेल चैलेंज भी एक ऑनलाइन गेम है. लेकिन यह गेम इतना खतरनाक और घातक है कि इसे खेलते हुए युवा अपनी जान देने लगे हैं.

जब से यह गेम डेवलप हुआ है, तब से लेकर अब तक विश्वभर में 200 से अधिक युवा अपनी जान दे चुके हैं. अकेले रूस में ही 130 अधिक किशोर अपनी जान दे चुके हैं. भारत में भी इसके अंतिम टास्क को पूरा करते हुए अनेक किशोर अात्महत्या कर चुके हैं.

क्या है ब्लू-व्हेल चैलेंज

ब्लू-व्हेल गेम या ब्लू व्हेल चैलेंज एक इंटरनेट गेम है. इस गेम में प्लेयर को 50 दिन में 50 अलग-अलग टास्क पूरे करने होते हैं. इस चैलेंज का अंतिम टास्क प्लेयर को आत्महत्या करने के लिए कहता है. अंतिम टास्क से पहले के सभी टास्क को पूरा करने के बाद उसकी फोटो क्यूरेटर या एडमिन को भेजनी होती है. यह गेम इतना खतरनाक है कि इसमें प्लेयर को हर रोज अपने शरीर पर एक कट मारना हाता है और हाथ पर रेजर से व्हेल की आकृति बनानी होती है.

कब हुई शुरुआत

इस गेम की शुरुआत रूस में 2013 में ‘एफ57’ ग्रुप के साथ हुई थी और 2015 में पहली बार इस कारण आत्महत्या करने की घटना सामने आयी थी. वर्ष 2016 में रूस में इस गेम ने बड़ी संख्या में किशोरों को अपनी गिरफ्त में ले लिया और इसका पता तब चला जब एक पत्रकार ने इस वजह से होने वाली आत्महत्या के बारे में एक लेख लिखा. धीरे-धीरे यह गेम रूस से बाहर निकलकर यूरोप, अमेरिका से होते हुए एशियाई देशों तक पहुंच गया और अब तक अनेक युवाओं की जान ले चुका है.

इक्कीस वर्षीय फिलिप बुडेकिन ने इस गेम को डेवलप करने का दावा किया है. बुडेकिन का कहना है कि इस गेम को डेवलप करने का उद्देश्य जैविक कचरा यानीे बेकार लोगों काे खत्म कर समाज को साफ बनाना है.

गेम को सर्च करने में कोच्ची है पहले स्थान पर

पिछले 12 महीने की गूगल ट्रेंड्स रिपोर्ट बताती है कि ब्लू-व्हेल चैलेंज संबंधित सर्च में भारत पहले स्थान पर रहा है. इस रिपोर्ट की मानें, तो लगातार तीन महीने तक भारत इस गेम से संबंधित सर्च करने के मामले में पहले स्थान पर बना रहा है. भारत के बाद कोसोवो, अल्बानिया, मैसिडोनिया और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है. इतना ही नहीं, ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित सर्च करने वाले विश्व के 50 अग्रणी शहरों की बात करें तो उनमें पहले 32 स्थान पर भारतीय शहर हैं.

दुबई 33वें, बुखारेस्ट 34वें, अबू धाबी 35वें और हेलसिंकी 36वें स्थान पर है. इन अग्रणी 32 स्थानों में कोच्ची पहले, तिरुअनंतपुरम दूसरे, कोलकाता तीसरे, थाने चौथे और गाजियाबाद पांचवे स्थान पर है. वहीं, सिलिगुड़ी 16वें और हावड़ा 19वें स्थान पर है. इंदौर, दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई, भोपाल जैसे शहर भी इस सर्च में काफी आगे हैं.

इन देशों के युवा भी हैं गिरफ्त में

रूस के अलावा अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे, पराग्वे, बेनेजुएला, बुल्गारिया, चिली, केन्या, कोलंबिया, जॉर्जिया, सर्बिया, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, चीन, सउदी अरब आदि देश के किशाेर और युवा भी इस गेम के कारण या तो अपनी जान दे चुके हैं या ऐसा करने की कोशिश कर चुके हैं.

सरकार ने उठाये कदम

ब्लू व्हेल गेम के कारण भारत में होनेवाली मौतों को देखते हुए 22 अगस्त, 2017 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार, फेसबुक, गूगल और याहू को नोटिस जारी कर ब्लू व्हेल गेम के लिंक से संबंधित दिशा-निर्देश जारी करने को कहा. इसके बाद भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्व व इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने गूगल, फेसबुक और याहू सहित इंटरनेट कंपनियों को इस जानलेवा गेम के लिंक हटाने के निर्देश दिये.

मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी

2016 में जब इस गेम ने रूस में किशाेरों को अपनी गिरफ्त में ले लिया और इसके संबंध में खबर प्रकाशित हुई तो इसके डेवलपर फिलीप बुडेकिन को गिरफ्तार कर तीन वर्ष के लिए जेल में डाल दिया गया.

बुडेकिन पर तकरीबन 16 किशोरवय की लड़कियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था. बुडेकिन के बाद जून, 2017 में इस गेम के एडमिनिस्ट्रेटर इल्या सिडोरोव को मॉस्को में गिरफ्तार किया गया. 30 अगस्त, 2017 को एक 17 वर्षीय रुसी लड़की को रुस की पुलिस ने गिरफ्तार किया.

आरोप है कि जानलेवा ब्लू व्हेल चैलेंज के लिए यह लड़की युवाओं को उकसाती है और यही इस गेम की मास्टरमाइंड है. आरोप यह भी है कि यह किशोरी गेम खेलने वाले युवाओं को धमकी दिया करती है कि अगर वे टास्क पूरा नहीं करेंगे तो वह उन्हें या उनके परिवारवालों काे मार देगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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