दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी. कालिम्पोंग के गोजमुमो पार्षद वरुण भुजेल की मौत के बाद एक बार फिर से दार्जिलिंग पहाड़ का माहौल गरमा गया है. दिन में भुजेल की मौत की खबर यहां जैसे ही पहुंची कालिम्पोंग की सभी दुकानें बंद हो गयीं. कालिम्पोंग के डंबर चौक पर भुजेल की तस्वीर पर माल्यार्पण कर गोजमुमो समर्थकों ने शोक प्रकट किया. यहां उल्लेखनीय है कि भुजेल की मौत बीमारी के कारण कोलकाता में हो गयी है. वह न्यायिक हिरासत में थे.
इधर,गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने ऑडियो क्लिप जारी कर पार्षद वरुण भुजेल को गोरखालैंड आंदोलन का शहीद बताते हुए कहा कि गोरखा जाति के इतिहास में श्री भुजेल का नाम अमर रहेगा. उन्होंने वरुण भुजेल पर हुए अत्याचार का गोरखा संतानों से सड़क पर उतरकर विरोध करने और शोक प्रकट करने के लिए गुरुवार को दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कर्सियांग और मिरिक बंद रखने का आह्वान किया.
विमल गुरुंग ने कहा कि श्री भुजेल को पुलिस ने तमाम यातनाएं दीं, पर वह अडिग रहे. उन पर तृणमूल कांग्रेस और विनय गुट में शामिल होने का दबाव बनाया गया, पर वह अडिग रहे. श्री भुजेल ने अपनी जान दे दी, लेकिन जनता को धोखा नहीं दिया. एक तरफ हमलोग जेल और जंगल में रहकर अपनी कुर्बानी दे रहे हैं और दूसरी तरफ हमारे कुछ भाई बंगाल के पैसों से बिककर आंदोलन को बर्बाद करने पर तुले हैं. भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे. मैं जब तक जिंदा रहूंगा गोरखालैंड के लिए लड़ता रहूंगा.इधर,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है. दो दिनों के जिला दौरे पर भाजपा राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष बुधवार को जलपाईगुड़ी पहुंचे. सुबह भाजपा राज्य अध्यक्ष के साथ जलपाईगुड़ी के असम मोड़ से हाकिमपाड़ा के सीडब्ल्यूसी बंग्लो तक बाइक रैली निकाली गयी. इस रैली में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित हुए. सुबह 11 बजे मयनागुड़ी में दिलीप घोष ने कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया.
दिलीप घोष ने कालिम्पोंग नगरपालिका के पार्षद वरुण भुजेल की मौत पर कहा कि, पुलिस हिरासत में पार्षद की मौत कैसे हुई, इसपर सही छानबीन होनी चाहिए. दिलीप घोष का दावा है कि पुलिस के अत्याचार से ही उसकी मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि इसपर फिर एक बार पहाड़ का महौल गर्म होगा.इससे पहले उन्होंने सिलीगुड़ी में एनजेपी स्टेशन पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य की ममता सरकार विमल गुरुंग को भी एनकाउंटर में मारने की तैयारी कर रही है. श्री गुरुंग आमलोगों के बीच आना चाहते हैं,लेकिन ममता उनको जनता के बीच आने देना नहीं चाहती. मुख्यमंत्री को लगता है कि यदि श्री गुरुंग दार्जिलिंग आ गये तो जनता उनके साथ हो जायेगी.

