रांची : बरियातू पुलिस की टीम ने रिम्स से नवजात के अपहरण के आरोप में शनिवार को युवती गायत्री करमाली को गिरफ्तार कर लिया है. युवती की गिरफ्तारी रामगढ़ के कुज्जू थाना क्षेत्र स्थित ओरला तोपा स्थित उसके घर से हुई है. पुलिस ने उसके घर से नवजात को बरामद कर लिया है. गायत्री करमाली ने बताया कि वे तीन बहने हैं. एक बहन की शादी हो चुकी है. उसका भी कोई बच्चा नहीं है. उसे घर में भाई की कमी खलती थी. इसलिए उसने बच्चे का अपहरण कर अपनी शादीशुदा बहन को पालने के लिए दे दिया था.
गायत्री करमाली ने यह भी बताया कि वह दो दिन पहले से बच्चे का अपहरण करने के लिए रेकी कर रही थी. इस दौरान उसने कई बच्चों को खेलाने के बहाने लेबर वार्ड में अपनी पहचान बना ली थी, ताकि आसपास के मरीज यह समझें कि गायत्री का कोई रिश्तेदार लेबर वार्ड में भरती है. यह जानकारी बरियातू थाना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिटी एसपी किशोर कौशल और सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दी. सिटी एसपी ने बताया कि आरोपी युवती के बयान में कितनी सच्चाई है, इस बात की जांच की जा रही है.
मोबाइल नंबर के जरिये आरोपी तक पहुंची पुलिस : सिटी एसपी ने बताया कि रिम्स के लेबर वार्ड से शुक्रवार की सुबह करीब 8.30 बजे सिल्ली निवासी अरजन बीबी का नवजात बच्चा लापता हो गया था. सीसीटीवी में एक युवती को बच्चे को लेकर जाते देखा गया. घटना के बाद नवजात के अपहरण के आरोप में अज्ञात पर केस दर्ज किया गया था. सीसीटीवी फुटेज में युवती को बच्चा ले जाते देख एक व्यक्ति ने शनिवार को पुलिस को सूचना दी कि वह उस युवती को जानता है.
उसने यह भी बताया कि युवती ने उसके मोबाइल नंबर से किसी से बात की थी. सूचना देनेवाले व्यक्ति से मोबाइल नंबर लेने के बाद पुलिस ने तकनीकी शाखा के सहयोग से उसका नाम और पता निकाला. संबंधित मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर एक युवक ने बात की. उसने पुलिस को बताया कि गायत्री नामक उसके गांव की युवती ने अपने परिवार से बात करने के लिए उसके पास फोन किया था. इसके बाद एसएसपी ने सदर डीएसपी और बरियातू थाना प्रभारी डीके श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम में शामिल जमादार राम मनोहर, सिपाही अजीत कुमार और महिला आरक्षी भारती देवी को तोपा भेजा गया.
आरोपी युवती की बहन ने नवजात को लेकर की दावेदारी
पुलिस की टीम नवजात की दादी राहिमा बीबी को साथ लेकर आरोपी युवती के घर पहुंची. जब पुलिस की टीम गायत्री करमाली के घर पर पहुंची, तब नवजात सो रहा था. रहिमा बीबी ने नवजात को देखते ही उसकी पहचान अपने पोते के रूप में कर ली. लेकिन आरोपी युवती की बहन बबीता नवजात पर दावेदारी करने लगी. बबीता ने कहा कि उसने बच्चे को रिम्स में जन्म दिया है.
हालांकि वह बच्चे को जन्म देने से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर पायी. वह बच्चे पर दावेदारी को लेकर कुजू थाना तक पहुंच गयी. बच्चे के लिए अपने बहन को तड़पता देख बाद में गायत्री करमाली पुलिस के सामने टूट गयी और रिम्स से बच्चा लाने का जुर्म स्वीकार कर लिया. बरियातू पुलिस की टीम नवजात को उसके दादी के साथ लेकर रामगढ़ से बरियातू थाना पहुंची. इसके बाद नवजात की मां और परिवार के अन्य सदस्यों को भी बरियातू थाना बुलाया गया. अरजन बीबी ने अपने नवजात बच्चे को छाती से लगा लिया. वह कहने लगी, पुलिस के कारण ही मेरा बच्चा मिल गया. मैं पुलिस का एहसान कभी नहीं भूल सकती.
सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर होगी बैठक
सिटी एसपी ने बताया कि रिम्स से बच्चा चोरी या अपहरण की कोई दूसरी घटना न हो, इसके लिए रिम्स प्रबंधन से साथ जल्द ही बैठक कर एक एसओपी (स्टेंडर ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार किया जायेगा. एसओपी के जरिये कर्मियों को निर्देश दिया जायेगा, ताकि लेबर वार्ड में किसी नवजात बच्चा के जन्म होने पर उस पर विशेष निगरानी रखी जा सके. किसी अनजान को बिना अनुमति के लेबर वार्ड में प्रवेश नहीं करने दिया जाये.
रिम्स में टैग से की जायेगी मां व बच्चे की मॉनिटरिंग
रिम्स प्रबंधन ने लेबर रूम से लगातार चोरी हो रहे बच्चों के मामले को गंभीरता से लिया है. डिलीवरी के लिए लेबर रूम में प्रसूता के भरती होते ही उसे टैग (पहचान चिह्न नंबर सहित) लगाया जायेगा. डिलीवरी होते ही बच्चे को उसके मां से मिलता टैग (उसी नंबर का) लगा दिया जायेगा. मां को यह टैग हाथ में लगाया जायेगा, वहीं बच्चे के पैर में टैग लगाया जायेगा.प्रारंभिक तौर पर इसे शुरू कर दिया गया है, लेकिन सोमवार से सख्ती से इसका पालन किया जायेगा. प्रबंधन का मानना है कि इससे चोरी की घटनाएं कम होंगी.
वार्ड में भरती मां व बच्चे के टैग का होगा मिलान : लेबर रूम से वार्ड में शिफ्ट होने पर भी मां व बच्चे का टैग रहेगा. यह टैग तब तक लगा रहेगा, जब तक कि प्रसूता को रिम्स से छुट्टी नहीं दे दी जाती. रिम्स से छुट्टी मिलने के साथ डिस्चार्ज पेपर पर यह लिखवाया जायेगा कि उन्होंने बच्चे को प्राप्त कर लिया है. वार्ड से घर जाते वक्त सुरक्षा कर्मी जांच करने के बाद ही मां व बच्चे को घर जाने देंगे.
बच्चा चोरी के मामले को रोकने के लिए टैग सिस्टम शुरू किया गया है. मां व बच्चे को एक ही प्रकार का टैग लगाया जायेगा. लेबर रूम से बाहर आने के लिए मां व बच्चे के टैग का मिलान किया जायेगा. इसके बाद ही वहां से जाने की अनुमति मिलेगी.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
