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बंद हो गया पतरातू थर्मल पावर स्टेशन, बिजली उत्पादन ठप

रांची : पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (पीटीपीएस) को बंद कर दिया गया है. यहां की एकमात्र चालू यूनिट (संख्या 10) से बिजली उत्पादन 23 जनवरी की रात से रोक दिया गया. मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) और नेशनल थर्मल पावर स्टेशन (एनटीपीएस) के पदाधिकारियों ने इसे बंद करने का […]

रांची : पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (पीटीपीएस) को बंद कर दिया गया है. यहां की एकमात्र चालू यूनिट (संख्या 10) से बिजली उत्पादन 23 जनवरी की रात से रोक दिया गया. मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) और नेशनल थर्मल पावर स्टेशन (एनटीपीएस) के पदाधिकारियों ने इसे बंद करने का फैसला लिया है. समझौते के बाद पिछले साल एक अप्रैल से राज्य सरकार और एनटीपीएस के संयुक्त उपक्रम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) इसका संचालन कर रहा था.

पीवीयूएनएल की ओर से अब नया प्लांट तैयार किया जा रहा है. इसके बाद ही यहां से बिजली उत्पादन शुरू किया जा सकेगा. झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारियों के अनुसार, इसका काम एक माह में शुरू कर दिया जायेगा. अगले दो वर्ष में नया प्लांट तैयार कर लिया जायेगा.

नया प्लांट चालू होने तक सस्ती दर पर बिजली देगा एनटीपीसी : पीवीयूएनएल की ओर से नया प्लांट तैयार किये जाने तक एनटीपीसी राज्य को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करायेगा. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में एनटीपीसी के पदाधिकारियों ने इसकी स्वीकृति दी थी. एनटीपीसी देश के अन्य हिस्सों में स्थित अपने पावर प्लांट से तीन से साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से जेबीवीएनएल को बिजली उपलब्ध करायेगा. इससे पीटीपीएस से उत्पादन बंद होने के बावजूद राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं होगी.
महंगी पड़ रही थी बिजली : पीवीयूएनएल को पीटीपीएस हस्तांतरित करने के बाद वहां से बिजली की खरीदारी जेबीवीएनएल को महंगी पड़ रही थी. बिजली का उत्पादन पीटीपीएस के एक प्लांट से ही हो रहा था. इससे करीब 60 से 80 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा रही थी. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (सीइएससी) द्वारा निर्धारित की जानेवाली टैरिफ लगभग छह रुपये प्रति यूनिट होने का अनुमान था. पावर मार्केट में उपलब्ध बिजली की दर से दोगुनी टैरिफ पर बिजली लेने से जेबीवीएनएल को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता. इस कारण मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक के बाद जेबीवीएनएल और एनटीपीसी के अधिकारियों ने उत्पादन बंद करने का फैसला लिया था.
बेरोजगार नहीं होंगे ठेका कर्मचारी
पीटीपीएस से उत्पादन बंद होने के बावजूद वहां ठेके पर काम करनेवाले करीब 400 कर्मचारी बेरोजगार नहीं होंगे. पीटीपीएस के अधिकारियों ने राज्य सरकार को कार्यरत ठेका कर्मचारियों को एडजस्ट करने का भरोसा दिलाया है. सभी कर्मचारियों को पीवीयूएनएल द्वारा संचालित नये पावर प्लांट में काम दिया जायेगा.
पहले चरण में बनेगा 2400 मेगावाट का प्लांट
पतरातू में 1850 एकड़ जमीन पर पीवीयूएनएल 4000 मेगावाट के दो पावर प्लांट दो चरणों में लगायेगा. पहले चरण में 2400 व दूसरे चरण में 1600 मेगावाट का पावर प्लांट तैयार होगा. पहले चरण के पावर प्लांट से 2019 से उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इन पावर प्लांट से उत्पादित होनेवाली बिजली में से 85 फीसदी झारखंड को मिलेगी.
बिजली की किल्लत नहीं होगी
पीटीपीएस से करीब 100 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रहा था़ एनटीपीसी ने अपने अन्य पावर प्लांट से इतनी ही बिजली सस्ती दर पर राज्य को देेने पर सहमति प्रदान की है़ इस वजह से नया प्लांट बनने तक पीटीपीएस से उत्पादन नहीं होने पर फर्क नहीं पड़ेगा़ बिजली की किल्लत नहीं होगी़ – संजय कुमार, सीएम के प्रधान सचिव

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