नवाब खान ने ही साहेबगंज में हाथी को मारा था. उक्त हाथी ने बिहार-झारखंड में करीब 15 लोगों की जान ले ली थी. नवाब खान ने बताया कि रांची या संताल परगना के किसी जिले में रेस्क्यू सेंटर बनाया जा सकता है. इन्हीं दोनों स्थानों पर हाथियों से ज्यादा नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया था कि हाथी को मारना स्थायी समाधान नहीं है. इससे बचने का रास्ता ढूंढ़ना चाहिए. रेस्क्यू सेंटर ही इसका एक उपाय हो सकता है. वन विभाग ने एक अधिकारी को केरल में रेस्क्यू सेंटर देखने के लिए भेजा गया था. इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए वन विभाग ने दो कमेटी भी बनायी है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद और अधिकारियों को दूसरे राज्यों में सेंटर देखने लिए भेजने की योजना है.
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झारखंड में बनेगा हाथी रेस्क्यू सेंटर
रांची : झारखंड सरकार हाथी रेस्क्यू सेंटर बनायेगी. वन विभाग ने इसके लिए अपने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. पिछले महीने साहेबगंज में एक हाथी को मारे जाने के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है. झारखंड सरकार को हंटर नवाब शहफत अली खान ने भी एक रेस्क्यू सेंटर बनाने की […]
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रांची : झारखंड सरकार हाथी रेस्क्यू सेंटर बनायेगी. वन विभाग ने इसके लिए अपने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. पिछले महीने साहेबगंज में एक हाथी को मारे जाने के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है. झारखंड सरकार को हंटर नवाब शहफत अली खान ने भी एक रेस्क्यू सेंटर बनाने की सलाह दी है.
मैन पावर को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा
हाथियों के रेस्क्यू सेंटर के लिए मैन पावर को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. वन अधिकारियों के साथ-साथ वेटनरी डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए उपकरणों की भी जरूरत होगी. विशेष प्रकार के वाहन तैयार किये जायेंगे.
आसपास के राज्यों में नहीं है रेस्क्यू सेंटर
झारखंड के आसपास के राज्यों में भी हाथी रेस्क्यू सेंटर नहीं है. वहीं पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ तमिलनाडु व केरल में हाथी का रेस्क्यू सेंटर है. यहां हाथियों को ट्रांक्यूलाइज (बेहोश कर पकड़ने के बाद) कर रखा जाता है. झारखंड में भी इसी तरह का मॉडल विकसित करने की योजना है. यहां वृद्ध और बीमार हाथियों को भी रखा जा सकता है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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