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एसबीआइ से फर्जीवाड़ा: एक करोड़ रुपये का लोन घोटाला

पटना: बैंक से लोन के लिए आम लोगों को भले ही पापड़ बेलना पड़े पर हाइप्रोफाइल लोगों के लिए यह बायें हाथ का खेल है. बिना जांच-पड़ताल किये ही के एक ही बैंक ने एक बार नहीं, बल्कि पूरे 10 बार लोन दे डाला. बैंककर्मियों की यह लापरवाही दो साल बाद उजागर हुई है. लोन […]

पटना: बैंक से लोन के लिए आम लोगों को भले ही पापड़ बेलना पड़े पर हाइप्रोफाइल लोगों के लिए यह बायें हाथ का खेल है. बिना जांच-पड़ताल किये ही के एक ही बैंक ने एक बार नहीं, बल्कि पूरे 10 बार लोन दे डाला. बैंककर्मियों की यह लापरवाही दो साल बाद उजागर हुई है. लोन के नाम पर हुए करीब एक करोड़ के घोटाले की पोल तब खुली, जब दस्तावेजों की जांच एसबीआइ की मुख्य शाखा आरएसीपीसी द्वारा की गयी. अब फ्रेजर रोड की एसबीआइ शाखा के मैनेजर अभिषेक श्रीवास्तव ने कोतवाली थाने में नौ लोगों पर एफआइआर दर्ज करायी है. पुलिस छानबीन कर रही है.
दरअसल लोन की फाइल कंप्लीट करने के लिए राजधानी में एक गैंग सक्रिय है. यह बीच का रास्ता निकालने के नाम पर पैसा ऐंठता है और फिर बैंक में काम नहीं फंसता है. बैंक को जो दस्तावेज दिये जाते हैं, भले ही वह फर्जी हो, लेकिन बैंक उसे आंख मूंद कर ले लेता है. बैंक ऐसा क्यों करता है, यह जांच का विषय है. ठीक यही हुआ डाक बंगला के फ्रेजर रोड स्थित एसबीआइ की शाखा के साथ. फर्जी दस्तावेज के बाद भी बैंक ने लोन की फाइल स्वीकार कर ली. वर्ष 2013 से लेकर 2014 के बीच बारी-बारी से नौ लोगों को कुल 10 लोन दिये गये. इसमें बैंक ने करीब एक करोड़ फाइनेंस कर दिया, लेकिन जब दस्तावेजों की जांच हुई तो सब फर्जी निकले. मुख्य शाखा से आयी रिपोर्ट के बाद बैंक मैनेजर ने जालसाजी का मामला दर्ज कराया है. खास बात यह है कि लोन लेनेवालों में दो महिलाएं भी शामिल हैं.
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
ऋण लेनेवाले लोगों ने फर्जी दस्तावेज बैंक को सौंपे. इसमें कार खरीदने के नाम पर फाइल बढ़ायी गयी. कार की कीमत अधिक बतायी गयी और फिर लोन होने के बाद सस्ती कार खरीद ली गयी. कागज में फर्जीवाड़ा करके इनकम टैक्स रिटर्न की गलत जानकारी दी गयी. लेकिन बैंक ने इन कागजों की पड़ताल नहीं की और फिर लोन दे डाला.
इन लोगों ने फर्जीवाड़े से लिया लोन
राज सिन्हा ने (निवासी कंकड़बाग व शिवा इन्कलेव के मालिक) दो बार लोन लिया है. पहला लोन 6 अगस्त, 2013 को 9.80 लाख का लिया गया. इसके बाद दूसरा लोन 6 दिसंबर, 2013 को 10 लाख का लिया गया.
अनूप कुमार (निवासी भट्टाचार्या रोड, ताहिर लेन रोड नंबर 16 गर्दनीबाग) ने 10 लाख का लोन 13 दिसंबर, 2013 को लिया.
आरिफ रफिकुद्दीन (निवासी मसजिद अली, रोड नंबर एक राजीव नगर) ने भी 10 लाख का लोन लिया.
पंकज कुमार (निवासी विष्णु पकड़ी, बेऊर) ने 10 लाख का लोन 6 जनवरी, 2013 को लिया.
पंकज कुमार द्वितीय (निवासी दीघा, बालू पर) ने 10 लाख का लोन 31 जनवरी, 2014 को लिया.
नागेंद्र कुमार (निवासी रघुनाथ टोला, अनिसाबाद) ने 10 लाख का लोन 31 दिसंबर, 2013 को लिया.
पिंटू कुमार (निवासी रघुनाथ टोला) ने 7.45 लाख का लोन लिया.
फर्जीवाड़े में महिलाएं भी शामिल
बबीता सिंह, प्रियर्दशनी, रजनीश कुमार (निवासी स्वावलंबी अर्पाटमेंट, बहादुरपुर) ने 10 लाख का लोन 6 दिसंबर, 2013 को लिया.
रीना कुमारी (निवासी बाल किशन कॉम्प्लेक्स राजीव नगर) ने 28 फरवरी, 2014 को 10 लाख का लोन लिया.
बिचौलियों की तलाश में पुलिस : फर्जी कागजात पर बैंक से लोन की सेटिंग करानेवाले बिचौलियों को पुलिस जल्द गिरफ्तार करेगी. इसके लिए पड़ताल शुरू कर दी गयी है. पुलिस के मुताबिक अन्य बैंकों से भी शिकायत आ रही है. फर्जी लोन के अन्य मामले भी सामने आये हैं. गैंग को पुलिस ट्रेस करने में जुटी हुई है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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