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बिहार : किसानों की आमदनी दोगुनी करने में सहकारिता निभायेगा अहम रोल

सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह को राजनीति विरासत में मिली है. इनके पिता सीताराम सिंह की पहचान बड़े समाजवादी नेता के रूप में थी. वर्षों तक मंत्री रहे. समाज के लिए कुछ करने खासकर अन्नदाता यानी किसानों की माली हालत कैसे सुधरे, इसकी इच्छा उनके मन में थी. यही इच्छा उन्हें राजनीति में लेकर आयी. […]

सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह को राजनीति विरासत में मिली है. इनके पिता सीताराम सिंह की पहचान बड़े समाजवादी नेता के रूप में थी. वर्षों तक मंत्री रहे. समाज के लिए कुछ करने खासकर अन्नदाता यानी किसानों की माली हालत कैसे सुधरे, इसकी इच्छा उनके मन में थी.
यही इच्छा उन्हें राजनीति में लेकर आयी. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के युवा चेहरे हैं. सोमवार को वह प्रभात खबर के पटना कार्यालय पहुंचे और सहकारिता के जरिये कैसे खेत- खलिहान व किसान समृद्ध हों इस पर खुलकर अपनी बात रखी. उनसे बात की हमारे संवाददाता दीपक कुमार मिश्रा ने.
प्रश्न- बिहार के विकास में सहकारिता विभाग किस तरह की भूमिका निभा रहा है.उत्तर- बिहार के विकास में सहकारिता विभाग अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. खेत- खलिहान से लेकर किसान कैसे समृद्ध हों इसकी चिंता हम कर रहे हैं. इसके लिए हम कई योजनाएं चला रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने का जो लक्ष्य तय किया है उसमें सहकारिता विभाग अहम रोल निभा रहा है. सहकारिता किसान व गांव से जुड़ा विभाग है, इसलिए हम उनकी समृद्धि की चिंता कर रहे हैं.
प्रश्न : सब्जी उत्पादक किसानों के लिए क्या योजना है.
उत्तर : राज्य में पहली बार सब्जी उत्पादकों के लिए फेडरेशन बन रहा है. इस दिशा में काम शुरू हो गया है.फेडरेशन उत्पादन से लेकर बिक्री तक की व्यवस्था करेगा. अभी सब्जी उत्पादक जिलों पटना, वैशाली समस्तीपुर, नालंदा व बेगूसराय में काम शुरू हो गया है. इसे राज्य के सभी 38 जिलों में विस्तार किया जायेगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. सप्लाई चेन विकसित किया जायेगा. किसानों के सामान रखने की सुविधा मिलेगी. भंडारण क्षमता का विस्तार किया जा रहा है.
प्रश्न: सहकारी समितियों पर कैसे निगरानी रखेंगे
उत्तर: आडिट, इंसपेक्शन और इंक्वायरी के मंत्र से इनपर नजर रखी जा रही है. माइक्रोलेवल पर निगरानी रखी जा रही है. समितियों के आडिट को जरूरी कर दिया गया है. सहकारी बैंकों पर निगरानी रखी जा रही है. 8463 पैक्स में से 6500 का आडिट हो चुका है. किसानों के हित में और उनको समृद्ध बनाने के लिए लिए जो कुछ करना पड़ेगा किया जायेगा.
प्रभात खबर, पटना कार्यालय पहुंचे सहकारिता मंत्री
प्रश्न: राज्य में धान खरीद की क्या स्थिति है
उत्तर :राज्य में तेजी से धान की खरीद हो रही है. आठ जनवरी तक 26300 किसानों से 1.95 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है. पिछले साल इस अवधि में 8226 किसानों से 57281 टन धान की खरीद हुई थी. 48 घंटे के भीतर किसानों को आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान कर दिया जाता है.
धान खरीद का ही प्रतिफल है कि खुले बाजार में भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के करीब दाम मिल रहा है. इस साल 35 लाख धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. रैयती व गैर रैयती किसानों से धान खरीद की सीमा को बढ़ा दिया गया है. 17 की जगह 19 फीसदी नमी की मात्रा पर धान की खरीद हो रही है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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