पटना : यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम के चालू होनेे बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना म्यूजियम का विस्तार करने का निर्देश दिया है. साथ ही राहुल सांकृत्यायन की पांडुलिपियों समेत सभी ऐतिहासिक चीजों का डिसप्ले सही रूप से करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को करीब तीन घंटे पटना म्यूजियम का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस म्यूजियम का जो स्वरूप है, उसे बनाये रखते हुए इसकी तीन तरफ स्ट्रक्चर बनाया जाये, ताकि उसमें सब कुछ आधुनिक तरीके से डिसप्ले किया जा सके. म्यूजियम को इतना सुंदर लुक दिया जाये कि लोगों के मन में उत्सुकता पैदा हो जाये और लोग यहां आकर ऐतिहासिक चीजों को देखें.
नीतीश कुमार ने कहा, कई साल पहले मैं पटना म्यूजियम देखने आया था. यहां जो ऐतिहासिक चीजें प्रदर्शित की गयी थीं, उनको देखते हुए लगा कि हमें एक और म्यूजियम बनाना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक और म्यूजियम बन भी गया. अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप देश में पहली बार म्यूजियम का निर्माण हुआ है. पटना म्यूजियम की कुछ ऐतिहासिक चीजें बिहार म्यूजियम में जायेंगी, लेकिन बहुत सारी चीजें हैं, जिनका डिसप्ले सही से नहीं हो रहा है, उनके लिए अब यहां पर्याप्त जगह होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तिब्बत से राहुल सांकृत्यायन ने जो पांडुलिपियां लायी हैं, उनमें कुछ डिसप्ले की गयी हैं, बाकी सुरक्षित रखी गयी हैं. उनमें से भी कुछ का एक प्रक्रिया के तहत कुछ समय के लिए और कुछ का कुछ समय के लिए डिसप्ले किया जाता है. इन पांडुलिपियों का डिजिटलाइजेशन करने पर सारनाथ की यूनिवर्सिटी के साथ चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन पांडुलिपियों का हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद कराना चाहिए, ताकि लोग जान सकें कि इनमें क्या है. साथ ही राहुल सांकृत्यायन की पांडुलिपियों का डिसप्ले होना है. उसके लिए अब यहां जगह मिल गयी है. बहुत सारी चीजें जगह मिलने से और ज्यादा बढ़िया ढंग से डिसप्ले हो सकेंगी.
डॉ राजेंद्र प्रसाद के कोट का हो डिसप्ले
मुख्यमंत्री ने टेराकोटा आर्ट गैलरी, बुद्ध अस्थि कलश दीर्घा, धातु कला दीर्घा, राहुल सांकृत्यायन संग्रह दीर्घा, सज्जा कला व अस्त्र-शस्त्र दीर्घा, चित्रकला दीर्घा, पाटलिपुत्र दीर्घा, डॉ राजेंद्र संग्रह दीर्घा समेत अन्य दीर्घाओं को भी देखा और सौंदर्यीकरण को लेकर निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद जो कपड़ा पहनते थे, उनका यहां पहले डिसप्ले हुआ करता था. उनके कोट का भी यहां डिसप्ले पहले देखा था, इसलिए उसका डिसप्ले यहां होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने मौर्यकालीन लकड़ी का चक्का भी देखा, जो कुम्हरार के सामने बुलंदीबाग में मिला था. अशोक स्तंभ के खंडहर को देख कर सीएम ने उसकी तारीफ की. उन्होंने पटना म्यूजियम के विजिटर्स बुक में अपनी टिप्पणी दर्ज की कि पटना म्यूजियम का विस्तार करें.
