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छात्रा से दुष्कर्म के बाद चलती ट्रेन से फेंका, पीएमसीएच में न तो मिला बेड, न हुआ इलाज

लखीसराय की रहने वाली है छात्रा, दुष्कर्म के बाद चलती ट्रेन से फेंका तीन यूनिट ब्लड के लिए परिजन लगाते रहे अस्पताल के ब्लड बैंक का चक्कर पटना : दुष्कर्म की पीड़ित 10वीं की छात्रा के प्रति पीएमसीएच के डॉक्टरों का गैर जिम्मेवार रवैया सामने आया है. लखीसराय इलाके की रहने वाली इस छात्रा को […]

लखीसराय की रहने वाली है छात्रा, दुष्कर्म के बाद चलती ट्रेन से फेंका
तीन यूनिट ब्लड के लिए परिजन लगाते रहे अस्पताल के ब्लड बैंक का चक्कर
पटना : दुष्कर्म की पीड़ित 10वीं की छात्रा के प्रति पीएमसीएच के डॉक्टरों का गैर जिम्मेवार रवैया सामने आया है. लखीसराय इलाके की रहने वाली इस छात्रा को दुष्कर्म के बाद जब उसके परिजनों ने शनिवार की देर रात पीएमसीएच में भरती कराया, तो न उसका इलाज शुरू किया गया और न ही उसे एडमिट करने के लिए बेड ही मुहैया कराया गया.
पीड़ित छात्रा के छोटे भाई व दादा पूरी रात इलाज के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने अपनी खानापूर्ति कर मामले को गंभीरता से नहीं लिया. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि शनिवार को दुष्कर्म के बाद लोगों ने चलती ट्रेन से उसे किऊल स्टेशन के पास फेंक दिया था.
सूचना के बाद परिजन पास के एक प्राइवेट नर्सिंग रूम में इलाज कराने ले गये. लेकिन, हालत गंभीर देखते हुए अस्पताल ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. संगीता के दादा ने बताया कि शनिवार की देर रात परिजनों ने पीएमसीएच लाया, जहां गायनी वार्ड में भरती किया गया. हालत में सुधार नहीं आने पर डॉक्टरों ने इमरजेंसी वार्ड में रेफर कर दिया, जहां न तो समय पर इलाज हुआ और नहीं बेड मुहैया कराया गया. नतीजा फर्श पर ही पीड़ित छात्रा को जगह दे दी गयी. नाराज परिजनों ने काफी हंगामा किया और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. इसके बाद पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर 16 पर जगह दी गयी, जहां सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है.
अिधकािरयों से होगी पूछताछ
मुझे जैसे ही सूचना मिली, मैं इमरजेंसी के डॉक्टरों को बेड व बेहतर इलाज के लिए कहा. जब पता किया, तो उसे बेड मिल गया था. रही बात दोपहर तक बेड क्यों नहीं मिला, तो इस मामले को मैं देखता हूं. जिम्मेदार अधिकारियों से इसको लेकर पूछताछ की की जायेगी. वहीं, पीड़ित छात्रा का इलाज अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर करेगा. दवा से लेकर इलाज तक पूरा खर्च अस्पताल उठायेगा.
डॉ एसएन सिन्हा, प्रिंसिपल, पीएमसीएच
कमर और पैर की हड्डी टूटी
जांच के बाद पता चला कि पीड़िता को गंभीर चोट आयी है और कमर व पैर की हड्डी में फ्रैक्चर भी हो गया है. पीड़िता को ब्लड की जरूरत थी. डॉक्टरों ने तीन यूनिट ब्लड का इंतजाम करने को कहा.
परिजन पीएमसीएच ब्लड बैंक गये, लेकिन वहां भी निराश हाथ लगी. तीन यूनिट ब्लड के लिए परिजन अस्पताल प्रशासन का गुहार लगाते रहे. हालांकि, दोपहर के बाद महावीर कैंसर संस्थान से ब्लड मुहैया कराया गया. फिर पीड़िता को ब्लड चढ़ाया गया. इधर, इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि निजी अस्पताल में छोटी सर्जरी की गयी है, जिससे दुष्कर्म होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही जांच के बाद पता चला है कि कमर व पैर की हड्डी भी टूट गयी है, जहां प्लास्टर किया जायेगा.

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