पटना : आज चंद्रग्रहण है. खग्रास यानी पूर्ण चंद्रग्रहण. इसका व्यापक प्रभाव आपके जीवन और राशियों पर पड़ेगा. लेकिन आप इन खास बातों का ध्यान रखकर इस खास अवधि और चंद्रग्रहण के पड़ने वाले प्रभाव से अपने आपको बचा सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र और वेदों के अध्ययन के मुताबिक खासतौर पर इस समय विभिन्न राशियों के जातकों को इन खास बातों का ध्यान रखना काफी जरूर है और वह इन बातों का ध्यान रखकर अपने लिए चंद्रग्रहण को शुभ बना सकते हैं.
-31 जनवरी को चंद्रग्रहण, चंद्रोदय के साथ आरंभ हो जायेगा. इस दिन चंद्रमा का उदय 17:58 मिनट में होगा तथा 20:41 बजे चंद्र
-ग्रहण समाप्त होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 2 घंटे 43 मिनट की रहेगी.
-आज यानी 31 जनवरी को चंद्रग्रहण, चंद्रोदय के साथ आरंभ हो जायेगा. इस दिन चंद्रमा का उदय 17:58 मिनट पर होगा और20:41 बजे चंद्र ग्रहण समाप्त होगा.
-इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 2 घंटे 43 मिनट की रहेगी. चंद्रग्रहण को अशुभ माना जाता है, लेकिन कुछ उपाय कर आप इसके दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं.
-इसके अलावा कुछ कार्य ऐसे हैं जो कि इस अवधि में वर्जित होते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इस समय किन-किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
-ग्रहण के समय हमें शुभ कार्यों का संपादन करना चाहिए. यह शुभ कृत्य अत्यंत ही कल्याणकारी होता है.
-ग्रहण के सूतक तथा ग्रहण काल में हमें स्वयं के कल्याणकारी इच्छाओं के पूर्ति के लिए स्नान, ध्यान, दान, मंत्र, स्तोत्र-पाठ, मंत्रसिद्धि, तीर्थस्नान, हवन-कीर्तन इत्यादि कार्यो का सम्पादन करना चाहिए.
-ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. इस समय भोजन करने से अनेक प्रकार के व्याधियों से ग्रसित हो सकते है.
-यही कारण ग्रहणकाल में भोजन करना निषेध है उस समय घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ पुनः उपयोग करने लायक नहीं होता है.
-ग्रहण या सूतक से पहले ही यदि सभी खाद्य पदार्थों में तुलसी रख देने से भोजन दूषित नहीं होता है और आप फिर से इसको उपयोग में ला सकते है.
-सूतक एवं ग्रहण काल में झूठ, कपट, डींग हांकना आदि कु विचारों से परहेज करना चाहिए.
-ग्रहण काल में मन तथा बुद्धि पर पड़ने वाले कुप्रभाव से बचने के लिए जप, ध्यान करना उपयोगी माना जाता है.
-ग्रहण काल में व्यक्ति को मूर्ति स्पर्श, नाखून काटना, बाल काटना अथवा कटवाना, निद्रा, मैथुन आदि कार्य नहीं करना चाहिए.
-इस समय बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिला, एवं रोगी को यथानुकूल खाना अथवा दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है.
-ग्रहण काल में शरीर, मन तथा बुद्धि में सामंजस्य बनाये रखना चाहिए.
-मनमाने आचरण से मानसिक तथा बौद्धिक विकार के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का भी क्षय होता है
-अगले दिन सुबह सूर्योदय काल में स्नान करके संकल्प पूर्वक अपनी सामर्थ्य के अनुसार योग्य ब्राह्मण को दान देना चाहिए.
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