II अरुण कुमार II
बिहारशरीफ : एकंगरसराय प्रखंड की कोशियावां पंचायत देश के उन चुनिंदा पंचायतों में शामिल है, जहां शहरों जैसी सफाई व्यवस्था है. इस पंचायत के चम्हेड़ा गांव में कचरा प्रबंधन केंद्र का निर्माण किया गया है.
गांव की दीदियों ने मिल कर गांव की सफाई का बीड़ा उठाया है. सुबह में दीदियां ट्राइसाइकिल लेकर घर-घर से कचरा उठाने के लिए निकल पड़ती हैं. घरों में कचरा इकट्ठा करने के लिए दो-दो डस्टबीन दिये गये हैं. लाल रंग के डस्टबीन में अजैविक कचरा और हरे रंग के डस्टबीन में जैविक कचरा जमा किया जाता है.
कचरा प्रबंधन केंद्र की इंचार्ज संजू कुमारी ने बताया कि केंद्र में लाकर कचरों की छंटाई की जाती है. इन कचरों से जैविक खाद, पर्स, पावदान, बट्टा, पेन स्टैंड, गुलदस्ता, पंखे का निर्माण दीदियां करती हैं. केंद्र में 12 दीदियां कार्यरत हैं. तीन हजार आबादी वाले चम्हेड़ा गांव में दो वार्ड हैं. दोनों वार्डों में जलापूर्ति केंद्र बने हैं. एक केंद्र में एक हजार लीटर की टंकी लगायी गयी है. इससे पूरे गांव में सुबह, दोपहर और शाम में पानी की सप्लाई की जाती है.
कैशलेस मुहिम से भी जुड़ा है चम्हेड़ा
चम्हेड़ा कैशलेस मुहिम से जुड़ा है. गांव के दुकानदारों को पॉस मशीन उपलब्ध करायी गयी है. मध्य बिहार ग्रामीण बैंक इसमें सहयोग कर रहा है. गांव में अंडा बेचने वाले मनोज कुमार, जेनरल स्टोर संचालक सत्येंद्र कुमार, ग्रिल गेट बनाने वाले सुजीत कुमार, जलेबी-सिंघाड़ा के विक्रेता वृजनंदन कुमार, मुर्गी फार्म संचालक विपिन कुमार को पॉस मशीन दी गयी है. कमजोर नेटवर्क को देखते गांव में एयरटेल का टावर भी लगाया गया है.
24 में 22 घंटे मिल रही बिजली
गांव में 24 में 22 घंटे बिजली मिल रही है. चम्हेड़ा को जिला प्रशासन ने एनर्जी एफिशिएंट गांव घोषित किया है. गांव में जगह-जगह एलईडी बल्ब लगे हैं. इससे ग्रामीणों की कम बिजली बिल आता है. लालजी चौधरी ने बताया कि हर घर में प्री-पेड मीटर लगाये गये हैं.
सात निश्चय से बदलाव
सात निश्चय योजना से पंचायत की तस्वीर बदल रही है. गली, नाली, शौचालय, बिजली, पानी, सफाई आदि पर बेहतर कार्य होने से बदलाव साफ दिखता है. लोगों की सोच भी बदल रही है. हालात बदलने से नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद रहने के लिए गांव आने लगे हैं.
अमरीश कुमार गौतम, मुखिया, कोशियावां
