36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

लालू को अंदर ही अंदर खाये जा रही है यह बड़ी चिंता, आखिर क्या होगा उनके…

पटना : बिहार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में मुख्य धुरी रहने वाले लालू यादव चारा घोटाला मामले में जेल में बंद हैं. उनके करीब रहने वाले लोगों की मानें, तो उन्हें एक बड़ी चिंता खाये जा रही है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लालू यादव को जेल जाने की चिंता बहुत कम है. उन्हें सजा […]

पटना : बिहार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में मुख्य धुरी रहने वाले लालू यादव चारा घोटाला मामले में जेल में बंद हैं. उनके करीब रहने वाले लोगों की मानें, तो उन्हें एक बड़ी चिंता खाये जा रही है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लालू यादव को जेल जाने की चिंता बहुत कम है. उन्हें सजा की भी चिंता न के बराबर है. वह सजा काट रहे हैं. अपनों से मिल रहे हैं और आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं. पार्टी के लोग पूरे बिहार में उनके संदेशों को पहुंचाने में जी-जान से लगे हुए हैं, लेकिन सवाल यह है कि फिर किस बात की चिंता लालू यादव को खाये जा रही है. लालू को अपने सोर्स से यह जानकारी मिली है कि केंद्र की मोदी सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव का एलान कर सकती है. राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें, तो लालू को यह चिंता सता रही है कि कहीं आम चुनाव 2019 से पहले ही न करा दिये जाएं. ऐसा होने से उनके मंसूबों पर पानी फिर जायेगा. लालू यादव लगातार एंटी एनडीए फ्रंट को एकजुट करने में लगे रहे हैं और इस बार उन्होंने एनडीए से लड़ने के लिए एक विरोधी दलों का अलग गुट बनाने की प्लानिंग की थी, लेकिन उस प्लॉनिंग पर कहीं पानी न फिर जाए.

लालू को आशंका है कि चाईबासा कोषागार सहित चारा घोटाले के अन्य मामलों में आने वाली सजा की अवधि यदि विस्तारित होती है, तो उनकी प्लानिंग को पलीता लग सकता है. राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद दत्त कहते हैं कि जब तीन महीने पहले राजद में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा हुई, तो लोगों को यह लगा कि लालू अब पार्टी से खुद को किनारे कर सकते हैं और अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को कार्यकारी अध्यक्ष बना सकते हैं. उन्होंने बिल्कुल ऐसा नहीं किया और खुद ही 10वीं बार निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिये गये. अब यदि जेल की सजा लंबी हो जाती है, तो उस स्थिति में उन्हें नये कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा करनी पड़ सकती है.

लालू की सबसे बड़ी चिंता का खुलासा करते हुए जानकार कहते हैं कि चारा घोटाले से जुड़े और भी मामलों में फैसला आने में अब देर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने, इसी पूरे मामले को नौ महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने को कहा है. लालू को अभी एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा हुई है, यदि बाकी अन्य मामलों में कोर्ट ने और सजा सुना दी, तो लालू के सारे सपनों पर पानी फिर जायेगा और वह एंटी एनडीए फ्रंट का निर्माण नहीं कर पायेंगे. लालू को लग रहा है कि वह एक मामले में जमानत की अपील करेंगे, तब तक अन्य मामले में सजा का एलान हो जायेगा. दूसरे मामलों में अगर सजा पांच साल से ऊपर हुई, तो जमानत मिलने से रही. इतना ही नहीं, अगर कुल मिलाकर सजा की अवधि लंबी न हुई, तो हर मामले में अलग-अलग जमानत लेनी होगी और उसमें कितना वक्त लगेगा कोई अंदाजा भी नहीं है.

लालू को मालूम है, भले ही कितना भी लोग और पार्टी के नेता दावा करें कि उनकी अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव पार्टी को पूरी तरह संभाल रहे हैं, लेकिन उन्हें पता है कि उनके न रहने से उनके परिवार पर क्या बीत रही है. लालू हमेशा अपने परिवार के साथ अटल चट्टान की तरह खड़े रहे, पहले भी जेल जाते थे,तो उस वक्त देख-रेख के लिए राबड़ी देवी और उनके दो साले हमेशा साये की तरह परिवार के साथ खड़े रहते थे. अब वह बात नहीं है. विरोधियों ने बेनामी संपत्ति को लेकर परिवार को चारों ओर से इस कदर घेर लिया है कि कहीं से निकलना अब मुश्किल लगता है. केंद्र सरकार यदि 2019 से पहले ही आम चुनाव की घोषणा करती है, तो लालू के लिए मुश्किलें बढ़ जायेंगी. क्योंकि किसी भी पार्टी का अध्यक्ष ही उम्मीदवारों को सिंबल देते हैं, जो अभी फिलहाल लालू के पास है. लालू को पता है कि सजा कि अवधि लंबी खींचती है, तो सारा पावर पार्टी के बड़े नेता या फिर तेजस्वी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर देनी होगी. लालू भले किसी से कुछ नहीं कहें, लेकिन उन्हें यह चिंता अंदर ही अंदर खाये जा रही है.

यह भी पढ़ें-
भोजपुर में हॉकर को गोलियों से भूना, आक्रोशित लोगों ने पुलिस जीप फूंकी, थाने पर पथराव, पुलिस ने की फायरिंग

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें