बिहारशरीफ : अमेरिका में पुलिस को सोमवार को सड़क के नीचे सुरंग से एक बच्ची का शव मिला़ आशंका जतायी जा रही है कि यह शव दो सप्ताह पहले लापता हुई तीन वर्षीया भारतीय बच्ची शेरीन (मूल नाम सरस्वती)का है. शेरीन को वेस्ले मैथ्यूज (37) ने बिहार के बिहारशरीफ स्थित नालंदा मदर टेरेसा अनाथ आश्रम से दो साल पहले गोद लिया था.
मैथ्यूज मूलत: केरल का रहने वाला है. शेरीन सात अक्तूबर की रात उस वक्त लापता हो गयी थी, जब उसके पिता वेस्ले मैथ्यूज ने दूध पूरा नहीं पीने पर उसे सजा के तौर पर देर रात घर से निकाल दिया था. मैथ्यूज को बच्ची को छोड़ने और उसकी जान खतरे में डालने के आरोप में आठ अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था. उसे बाद में 2,50,000 डॉलर की जमानत पर रिहा कर दिया गया.
मैथ्यूज ने कबूल किया था कि उसने शेरीन को रात करीब तीन बजे घर से बाहर निकाल दिया था और उसे एक बड़े पेड़ के पास खड़े होने को कहा था.
िबहारशरीफ के अनाथालय…
मिनट बाद वह शेरीन को देखने गया तो वह वहां नहीं मिली. उसे इस बात की जानकारी थी कि इलाके में जंगली जानवर हैं. उसने घटना की जानकारी पुलिस को पांच घंटे बाद दी थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 19 अक्तूबर को ट्वीट किया था कि हम लापता बच्ची को लेकर बहुत चिंतित हैं. इसके बाद अमेरिका में भारत के दूतावास व महावाणिज्य दूत ने सरस्वती (शेरिन मैथ्यूज) की खोज में अपनी हरकत तेज कर दी थी,
भारतीय कानून के अनुसार सजा देने की मांग
बबीता कुमारी ने दूध नहीं पीने की सजा के रूप में रात्रि के तीन बजे घर से बाहर निकाले जाने की सूचना पर हैरानी जताते हुए कहा कि सोने के पूर्व दूध पीने की परंपरा है, मगर रात्रि के तीन बजे दूध पीने के लिए सरस्वती को कहना और नहीं पीने पर सजा के रूप में घर से बाहर निकाल देना समझ के बाहर की बात है. बबीता कुमारी ने अमेरिकी दंपति पर भारतीय कानून के अनुसार सजा देने की मांग की है.
सात अक्तूबर की रात
हुई थी लापता
पिता वेस्ले मैथ्यूज ने दूध पूरा नहीं पीने पर उसे देर रात घर से निकाल दिया था
23 जून, 16 को अमेरिकी दंपति ने लिया था गोद
वेस्ले मैथ्यूज व उनकी पत्नी ने नालंदा मदर टेरेसा अनाथ आश्रम से 23 जून, 2016 को तीन वर्षीया सरस्वती को गोद लिया था. वेस्ले मैथ्यूज मूल रूप से केरल के एर्नाकुलम के हैं. वे अमेरिका में एक निजी कंपनी में काम करते हैं और वहीं जा बसे हैं. मैथ्यूज दंपति ने सरस्वती के गोद लेने के पूर्व सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी की थी और बड़े ही आत्मीय भाव से उसे अपनाया था. गोद लेने की प्रक्रिया जब चल रही थी, उस दौरान वे हर तीन-चार दिन पर संस्थान में फोन कर सरस्वती से बात करते थे. गोद लेने के बाद अमेरिका में दंपति ने उसका नया नाम शेरिन मैथ्यूज रखा था.
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