Land For Job Scam: नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बड़ा झटका लगा. दिल्ली की एक अदालत ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में उन्होंने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए अपने और अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामलों को अन्य अदालत में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था.
इतनी याचिकाओं को किया गया खारिज
प्रधान और जिला न्यायाधीश दिनेश भट्ट ने राबड़ी देवी और उनके पति लालू प्रसाद, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य समेत उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से दायर चार मामलों को ट्रांसफर करने संबंधी याचिका खारिज कर दी. यह मामले नौकरी के बदले जमीन घोटाला और आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े हैं, जिनकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही है.
सीबीआई ने क्या कहा था?
दरअसल, इससे पहले आईआरसीटीसी घोटाले में न्यायाधीश के समक्ष दायर एक विस्तृत जवाब में सीबीआई ने कहा था कि ट्रांसफर आवेदन आवेदक (राबड़ी देवी) की तरफ से अदालत को गुमराह करने की एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश है. इसके अलावा जमीन के बदले नौकरी मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से संबंधित मुकदमे का अगले महीने नौ जनवरी को सीबीआई के दायर आरोप पत्र पर संज्ञान के लिए फैसला आयेगा.
शुक्रवार को इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाले से जुड़े आरोप पत्र में नामित सभी आरोपियों की स्थिति पर अपनी अंतिम वेरिफिकेशन रिपोर्ट अदालत में पेश की. रिपोर्ट सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष प्रस्तुत की गयी. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और अन्य के खिलाफ संलिप्तता के आरोप में दायर मामले की सुनवाई कर रहे हैं.
इतने आरोपियों की हो चुकी है मौत
सीबीआई ने अपनी सत्यापन रिपोर्ट में कहा है कि उसके आरोप पत्र में नामित 103 आरोपियों में से पांच की मौत हो चुकी है. न्यायाधीश ने कहा कि आरोपियों की स्थिति पर सत्यापन रिपोर्ट पूरी हो चुकी है. इसलिए अदालत यह दर्ज करती है कि जिन आरोपियों का निधन हो गया है, उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गयी है. अदालत ने आदेश सुनाने के लिए नौ जनवरी की तारीख निर्धारित कर दी.

